बारिश से फसल बर्बाद होने पर हताश किसान ने खेत में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली
सरकार भले ही किसानों के हिट के तमाम दावे करे. लेकिन जमीन पर हालात कुछ और ही हैं. हर रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं. आत्महत्या के बाद प्रशासन कारण जानने के नाम पर लीपापोती करता है. मृतक के परिवार के नाम पर मिलने वाले मुआवजे में खेल कर देता है. पहले किसान अपनि फसल के वाजिब दामों के लिए चक्कर लगाता है. उसकी मौत के बाद उसका परिवार मुआवजे के लिए चक्कर लगता है.
राज्य के ही अशोकनगर जिले में एक किसान ने अपने ही खेत में लगे आम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि इस साल बारिश के कारण उसकी फसल बर्बाद हो गई और उस पर बैंक का कर्ज भी था. हालांकि पुलिस जांच करने में लगी है और अभी तक आत्महत्या के कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी.
अतिवर्षा से खराब हो गई फसल
मामला अशोकनगर जिले के शाडौरा थाना क्षेत्र से सामने आया, यहां करख्या गांव के किसान महेंद्र सिंह रघुवंशी ने अपने ही खेत में लगे आम के पेड़ पर लटककर आत्महत्या कर ली. बताया गया है कि इस साल ज्यादा पानी गिरने की वजह से उसकी फसल खराब हो गई थी. साथ ही वह कर्ज से भी परेशान था.
आत्महत्या का कारण खोजने में जुटी पुलिस
मामले की जानकारी लगते ही रात में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उन्होंने मामले में छानबीन शुरू कर दी. वहीं किसान की आत्महत्या पर भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगराम सिंह यादव ने मौत की वजह खराब हुई फसल एवं कर्ज से दबे होने के कारण बताया.
उन्होंने सरकार से मांग की कि खराब फसल का जल्द सर्वे कर मुआवजा दिलाया जाए, ताकि इस तरह की घटनाएं किसी ओर के साथ न हो. उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए भी सरकार से गुहार लगाई.
दोपहर में निकला, शाम तक नहीं लौटा
बताया गया है किसान महेंद्र दोपहर में अपने घर से खेत के लिए निकला. देर शाम तक जब वह नहीं आया तो परिवार के लोगों ने खोज शुरू की. परिजनों को वह अपने ही खेत में पेड़ की रस्सी पर लटका हुआ मिला. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, पुलिस ने रात में आकर ही छानबीन शुरू कर दी.
सुबह ही शाडौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किसान का पोस्टमार्टम भी किया गया. इस दौरान पुलिस के साथ ही तहसीलदार भी मौके पर उपस्थित रहे, वे कर्ज और फसल खराब होने के मामले की जांच भी कर रहे हैं.