कर्ज में डूबी शिवराज सरकार ने मुरैना जिले के पोरसा बस स्टैंड को 16 करोड़ रुपए में बेचा
मुरैना: मध्यप्रदेश सरकार ने करीब डेढ़ दशक पहले बंद हो चुके राज्य परिवहन निगम की जमीनों को बेचना शुरू कर दिया है. कर्ज में डूबी राज्य की शिवराज सरकार ने मुरैना जिले के पोरसा बस स्टैंड को 16 करोड़ रुपए में बेच दिया है. बताया जा रहा है कि सरकार अरबों रुपए की लगभग दो दर्जन संपत्तियों को बेचने की तैयारी में है. कांग्रेस ने इस मामले में शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मोदी देश बेच रहे हैं और शिवराज प्रदेश बेच रहे हैं.
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘मध्यप्रदेश की भी बिक्री शुरू, सरकारी सम्पत्तियों की बिक्री कर रहे शिवराज. विधायक ख़रीदकर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह अब सड़क परिवहन निगम की 625 करोड़ की 24 सम्पत्तियों को बेचकर सरकार चलायेंगे. शिवराज जी, मोदी देश बेच रहे, और आप प्रदेश..? शिवराज हटाओ, मध्यप्रदेश बचाओ.’
दरअसल, मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम को सालों पहले बंद कर दिया गया. अब परिवहन निगम के 200 अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन, पेंशन व अन्य फंड वितरण के लिए भी बजट नहीं है. इसीलिए राज्य परिवहन निगम ने मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्यों की अपनी 28 सम्पत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश में सबसे पहले मुरैना जिले के पोरसा बस स्टैंड की नीलामी से हुई है. 12 जनवरी को परिवहन निगम ने आनलाइन नीलामी में पोरसा बस स्टैंड को 16 करोड़ रुपये में बेच दिया.
खबर है कि पोरसा बस स्टैंड की नीलामी भोपाल में इतने गुपचुप तरीके से की गई कि आम जनता तो दूर अंबाह ब्लॉक व पोरसा तहसील के अफसरों तक को इसकी भनक नहीं लगी. सरकार ने बस स्टैंड की जमीन को उस मौजूद कंस्ट्रक्शन समेत लगभग 16 करोड़ रुपये में बेचा है. खासबात यह है कि बस स्टैंड बेचे जाने का पता स्थानीय लोगों को तब लगा, जब इसके बाहर रखी गुमटियों को हटाया जाने लगा. बताया जा रहा है कि बिक्री के इस क्रम में अब मुरैना के पुराने बस स्टैंड का नंबर है. एमएस रोड पर शुक्ला होटल से सटकर पुराने बस स्टैंड की 8 बीघे से ज्यादा जमीन भी है, जिसका मालिकाना हक राज्य परिवहन निगम का है. इसे भी अब नीलाम करने का फैसला हो चुका है.