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लापरवाही : इंदौर के सरकारी अस्पताल में स्ट्रेचर पर शव कंकाल बना

इंदौर। इंदौर के सरकारी अस्पताल महाराज यशवंत राव अस्पताल (एमवायएच) में मानवता को शर्मसार करने वाली और भारी लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। मॉर्चरी रूम में स्ट्रेचर पर रखा एक शव अंतिम संस्कार के इंतजार में कंकाल बन गया। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा तो जिम्मेदारों ने तत्काल बॉडी को वहां से हटवा दिया। बताया जा रहा है कि बदबू फैलने के बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया। हॉस्पिटल अधीक्षक का कहना है कि जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।


एमवायएच के मॉर्चरी रूम में रखी यह बॉडी 10 दिन पुरानी बताई जा रही है। हालांकि, बॉडी किसकी है और कब लाई गई थी, इस संबंध में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। स्ट्रेचर पर शव के कंकाल बन जाने से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई और यह गलती किसकी है।

हॉस्पिटल में 16 फ्रीजर
यहां पर 16 फ्रीजर हैं, जहां बॉडी को रखा जाता है। अगर कोई अज्ञात शव पुलिस बरामद करती है तो उसे पीएम के लिए एमवायएच भेजा जाता है। पोस्टमॉर्टम (पीएम) के बाद शव का नगर निगम या एनजीओ द्वारा अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है। बताया जा रहा है कि जो बॉडी कंकाल बन गई, उसका न तो पीएम हुआ और न कोई प्रक्रिया। उसे जिस तरह से स्ट्रेचर पर लाया गया था, उसी तरह से पड़ा रहने दिया गया।


अज्ञात बॉडी एक हफ्ते तक रख सकते हैं
एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर का कहना है कि बॉडी 10 दिन पुरानी है। अज्ञात की बॉडी हम एक हफ्ते तक रखते हैं, ताकि पहचान हो सके। बॉडी के अंतिम संस्कार को लेकर निगम को कॉल किया है या नहीं, इसके लिए केजुअल्टी इंचार्ज को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसके बाद किसकी लापरवाही है, यह तय किया जाएगा। इसके बाद जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।


हॉस्पिटल में जगह नहीं
डॉक्टर ठाकुर के अनुसार, बॉडी को हटवा दिया गया है। इस समय हमारे पास नॉर्मल और कोविड दोनों तरह की बॉडी आ रही हैं। लिहाजा इसे रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। कहीं भी डेथ होती है तो उसकी बॉडी एमवायएच में ही आती है। हमारे पास अभी 16 फ्रीजर हैं, लेकिन कई बार एक दिन में ही 21 से 22 डेथ हो जाती हैं। ऐसे में हमारे पर सीमित संसाधन हैं। हमने और फ्रीजर लगवाने को लेकर पत्र लिखा है।