भोपाल में बढ़ता सायबर क्राइम, बैंक का अधिकारी बनकर लोगों से जालसाजी करते है ये लोग
भोपाल की साबयर क्राइम टीम ने राजधानी के लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है. मोबाइल फोन पर आने वाले किसी भी तरह के लिंक को ओपन नहीं करने की सलाह दी गई है. पुलिस की माने तो जालसाज बैंक का अधिकारी बनकर लोगों से जालसाजी करने लगे हैं.
साइबर क्राइम भोपाल को इस तरह की हर महीने 300 से अधिक शिकायतें मिलने लगी हैं. कई बार रकम छोटी होने के कारण लोग इसकी शिकायत ही नहीं करते हैं. दूसरे राज्यों की तरह ही अब प्रदेश में भी इस तरह के गिरोह सक्रिय हो गए हैं.
10वीं तक पढ़े लिखें हैं आरोपी
ऑन लाइन फ्रॉड करने वाले यह आरोपी महज 10वीं तक पढ़े होते हैं. इन्हें कॉल करने और उसे रुपए निकलवाने के लिए वेतन मिलता है. कुछ कमीशन पर भी काम करते हैं. इनका खुद का कॉल सेंटर होता है.
यहां गिरोह ज्यादा सक्रिय
• राजस्थान के भरतपुर और अलवर
• श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर
• झारखंड के देवघर, दुमका और जामताड़ा
• प.बंगाल के 24 परगना, हावड़ा, कोलकाता और मुर्शिदाबाद
• एनसीआर के नोएडा और आसपास से
ऐसे समझें जालसाजी
बैंक द्वारा किसी भी ग्राहक को किसी तरह का कॉल नहीं किया जाता है. बैंक न तो कोई ऑन लाइन या फोन पर ग्राहक से कोई जानकारी ही लेता है और न ही कुछ सुधार ही करने को कहता है.
जालसाजी हो तो यह करें
अगर किसी कारण से जालसाजी हो जाती है और खाते से रुपए निकल जाते हैं, तो तत्काल सायबर सेल में इसकी शिकायत करें. साबयर सेल संबंधित बैंक को नोटिस जारी कर ट्रांजेक्शन रोकने के निर्देश देती है. रुपए निकलने के 3 दिन के अंदर शिकायत करने पर बैंक द्वारा खाते से ट्रांजेक्शन रोक दिया जाता है.