हनीट्रैप मामले में :स्टिंग ऑपरेशन और ब्लैकमेलिंग को लेकर मीडिया चैनल के दफ्तर पर क्राइम ब्रांच का छापा
भोपाल। भोपाल में हनीट्रैप मामले में स्टिंग ऑपरेशन करने और ब्लैकमेलिंग पर कार्रवाई करते हुए भोपाल क्राइम ब्रांच ने बुधवार दोपहर मीडिया चैनल के दफ्तर पर छापा मारा।
एएसपी क्राइम गोपाल धाकड़ और उनकी टीम चैनल के दफ्तर पहुंची। यहां पर कम्प्यूटर चेक किए जा रहे हैं। इसी चैनल ने एक लड़की के जरिए डॉ. मरावी का स्टिंग ऑपरेशन किया था। आरोप है कि उन्हें ब्लैकमेल करते हुए 50 लाख रुपए की मांग की थी। पूरी टीम मीडिया चैनल का सहारा लेकर ब्लैकमेलिंग कर रही थी।
क्राइम ब्रांच की टीम ने एमपी नगर में प्रेस कॉम्पलेक्स स्थित मीडिया चैनल के दफ्तर में स्टाफ को काम बंद करके न्यूज रूम से बाहर किया और सर्वर, कम्प्यूटर चेक करना शुरू कर दिया। ऑफिस में काम करने वाले स्टाफ को बुलाकर चैनल हेड, सीईओ और आरोपी बनाए गए युवकों की फाइल और फोटो की जांच की।
फिलहाल, पेन ड्राइव में डेटा ट्रांसफर कराया जा रहा है। साथ ही हार्ड डिस्क की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि इससे पहले भी क्या चैनल के रिपोर्टर्स ने स्टिंग ऑपरेशन और ब्लैकमेलिंग की है। मीडिया चैनल के रजिस्ट्रेशन के पेपर्स की भी जांच की गई। बताया जा रहा है कि इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।
डॉक्टर मरावी तलब
ब्लैकमेलिंग मामले में फंसे हमीदिया के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर दीपक मरावी को क्राइम ब्रांच ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया। संभावना है कि इस दौरान उनका आमना-सामना शिकायतकर्ता और आरोपी युवती से भी कराया जा सकता है। अब तक की पूछताछ में सामने आया कि इस पूरे मामले में रिपोर्टर बनने वाली युवती के पति को भी इस मामले में पूरी जानकारी थी। वह स्टिंग ऑपरेशन करने के दौरान क्लीनिक के बाहर मौजूद रहने से लेकर अवधपुरी तक डॉक्टर मरावी के घर जाने तक साथ में रहा था।
हालांकि, क्राइम ब्रांच ने डॉक्टर की शिकायत पर बनालाल, अवधेश और तपन के अलावा दो युवतियों को आरोपी बनाया। इनमें से बनालाल और अवधेश को जेल भेजा गया है।
यह है भोपाल का हनीट्रैप मामला
राजधानी भोपाल में हनीट्रैप मामले में हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर दीपक मरावी फंसे हैं। उन पर एक लड़की ने क्लीनिक बुलाकर छेड़छाड़ करने की शिकायत की थी। पुलिस मामले में केस दर्ज कर जांच कर रही है। वहीं, केस का दूसरा एंगल ये है कि पूर्व अधीक्षक डॉ. मरावी ने भी पुलिस से 50 लाख रुपए को लेकर ब्लैकमेलिंग करने की शिकायत की थी। मामले में क्राइम ब्रांच ने 2 लड़कियों समेत 5 लोगों को आरोपी बनाकर केस दर्ज किया था। पुलिस ने मरावी की शिकायत पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।