शिवराज सरकार में गौशालाओं में भूखी मर रही हैं गाय
देश व अपने मध्य प्रदेश में गाय पर खूब सियासत होती रही है. चुनाव के वक्त भी गाय सबसे बड़े मुद्दों में शामिल होती हैब. चुनाव के वक़्त गाय की सबको याद आती है. लेकिन चुनाव खत्म होते ही सियासी पार्टियां और नेताओं की प्राथमिकता से गाय गायब हो जाती है. यही वजह है की सरकारी फंड के सहारे चलने वाली गौशालाएं दुर्दशा का शिकार हो रही हैं और गौशालाओं में रहने वाली गायों को खाने के लिए पर्याप्त चारा तक नहीं मिल रहा. कोरोनाकाल में तो गौशालाओं की हालत और खराब हो गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी भोपाल में सरकारी अनुदान से चलने वाली 33 गौशालाओं को पिछले सात महीने से अनुदान नहीं मिला है. ऐसे में यह गौशालाएं भगवान भरोसे चल रही हैं.
गायों की मौत के आंकड़े हैरान करने वाले
राज्य सरकार से अनुदान नहीं मिलने की वजह से गायों के खाने के लिए भूसा, हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही, ऐसे में पर्याप्त चारा नहीं मिलने के चलते गायों की लगातार मौतें हो रही हैं. राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर कुठार गांव की गौशाला का संचालन 2020 से शुरू हुआ था. संचालन के दो माह तक तो सरकारी फंड मिला, लेकिन इसके बाद से अब तक कोई फंड नहीं आया है. कुठार गौशाला में गायों की मौत के आंकड़े हैरत में डाल रहे है. पिछले सात माह में अकेले कुठार गांव की गौशाला में 71 गायों की मौत हुई है.
यह केवल राजधानी भोपाल के पास की एक गौशाला का मामला है, जबकि पड़ताल में पता चला कि पिछले सात महीने से भोपाल में संचालित होने वाली सभी गौशालाओं का यही हाल है. कुठार गांव की गौशाला के कर्मचारी प्रीतम विश्वकर्मा का उन्हें यहां नौकरी करते हुए 8 से 9 माह हो चुके हैं. लेकिन अब तक केवल तीन माह का वेतन मिला है. पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिलने के चलते परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. पंचायत सचिव शिवनारायण यादव का कहना है की जून माह में गौशाला खुली थी दो माह तो अनुदान आया इसके बाद अनुदान आज तक नहीं आया, हर माह पत्र लिखते है तो कहा जाता है कि जैसे ही पैसे आएंगे तो गौशाला को दे दिए जाएंगे.
प्रति गाय हर दिन 20 रूपये अनुदान देती है सरकार
सरकार गौशाला में गायों की देखरेख के लिए हर दिन 20 रूपये प्रति गाय अनुदान देती है, राजधानी भोपाल में सरकारी अनुदान पर चलने वाली 33 गौशालों में 6500 गौ वंश है. लेकिन फिलहाल इन गौशालाओं को फंड नहीं मिल रहा है. ऐसे में इन गौशालाओं का संचालन भगवान भरोसे ही चल रहा है. उपसंचालक पशुपालन अजय रामटेके का कहना है की हमने गायों को दिए जाने वाले अनुदान के लिए सरकार को पत्र लिखा है, लेकिन अबतक हमे भी फंड नहीं मिला जिसके चलते गौ शालाओं को अनुदान मिलने में देरी हुई है. पैसे आते ही गौ शालाओं को अनुदान दिया जाएगा.
कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
गौशालाओं को अनुदान नहीं मिलने और लगातार हो रही गायों की मौत पर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ने कहा कि गौशालाओं को फंड नहीं मिलना बड़ी समस्या है. पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से गायों की मौत हो रही है. आज यह सरकार गौ माता की हत्या कर रही है, गाय माता को उसका फंड रिलीज नहीं कर रही है. जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी थी तो हमने नई गौशाएं बनाने और पहले से चल रही गौशालाओं की दशा सुधारने का काम शुरू किया था. कमलनाथ सरकार के समय सभी गौशालों को फंड दिया जा रहा था. लेकिन शिवराज सरकार फंड तक नहीं दे रही.