बीजेपी सरकार में आपदा में अवसर ढूंढ़ते हुए बिलों से निकल आए भ्रष्टाचारी गिद्ध, हो रहे हैं ताबड़तोड़ घोटाले
नीमच: प्रधानमंत्री की आपदा में अवसर वाली बात को मध्य प्रदेश में कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लिया जा रहा है. लॉकडाउन में बीजेपी की सरकार आते ही दलाल और भ्रष्टाचारी गिद्ध फिर अपने बिलों से निकल आए हैं. जनता को मिलने वाली मदद और खाने पीने के सामान में लगातार घोटालों की खबरें आ रही हैं. पहले जनता को चावल और गेहूं बांटने में घोटाला सामने आया था. कुछ दिनों पहले सड़ा हुआ चना छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा था.
वहीं अब मध्यप्रदेश के नीमच जिले में सत्तू घोटाले का मामला सामने आया है. अधिकारी केवल कागजों पर ही क्विंटलों सत्तू का वितरण दिखा रहे हैं. जबकि आंगनबाड़ियों में सिर्फ कुछ किलो भर सत्तू ही पहुंच रहा है. ये मामला जिले के मनासा ब्लॉक का है. जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बांटे जाने वाले पोषण आहर सत्तू के नाम पर मजाक किया जा रहा है.
दरअसल मनासा ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले का खुलासा किया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के खाने के लिए जो सत्तू वितरित किया गया, उसमें सुपरवाइजर व सीडीपीओ द्वारा बड़ा घपला किया गया है. उनका कहना है कि जांच में करने पर पूरे मामले का भंडाफोड़ हो जाएगा.
बता दें कि लॉकडाउन के समय में जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, उस वक्त हर कोई जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश में लगा था. ऐसे समय में ये लोग भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि अप्रेल-मई में आंगनबाड़ी केंद्रों में 2 किलो से लगाकर 20 किलो तक सत्तू दिया गया, जबकि कागजों में क्विंटलों का आंकड़ा दर्शाया गया है.
बताया जा रहा है कि कलेक्टर को शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दिए गए थे. जिसमें मनासा ब्लॉक की 247 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 84 केंद्रों को नोटिस भी थमाए गए थे. फिलहाल इस मामले की जांच मनासा एसडीएम कर रहे हैं. कलेक्टर का कहना है कि फिलहाल जांच रिपोर्ट नहीं आई है. यदि इस पूरे घटनाक्रम में अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.