भारत में कोरोना वैक्सीन पर अटकलें जारी, क्या है पूरा मामला
भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन उपलब्ध होने में देरी हो सकती है. वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने इमर्जेंसी यूज अप्रूवल के लिए अप्लाई तो किया है, लेकिन पर्याप्त डेटा नहीं दिया है. उन्हें यह डेटा सौंपने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं. ऐसे में भारत के ड्रग रेगुलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) की अगली बैठक इस साल होने की संभावना न के बराबर बची है. इसका सीधा असर देश में कोविड-19 टीके की उपलब्धता पर देखने को मिल सकता है. एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी ‘द इकॉनमिक टाइम्स’ से बातचीत में कहा, “गेंद अब कंपनियों (सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक) के पाले में है. उन्हें डेटा सामने रखना है.
जल्दबाजी में नहीं होगा वैक्सीन पर कोई फैसला
10 सदस्यीय पैनल ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक की अप्लिकेशन को मंजूरी नहीं दी थी. बुधवार को हुई बैठक में दोनों कंपनियों से ट्रायल से जुड़ा और डेटा मांगा गया. एक अधिकारी ने कहा कि समिति पूरी सावधानी से प्रक्रिया का पालन कर रही है और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती.
दोनों कंपनियों से क्या-क्या डेटा मांगा गया?
CDCSO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने सीरम इंस्टिट्यूट से Covishield के देश में हुए फेज 2 और 3 ट्रायल का अपडेटेड सेफ्टी डेटा मांगा है. इसके अलावा उससे यूके और भारत में हुए ट्रायल का इम्युनोजेनिसिटी डेटा भी मांगा गया है. कंपनी CDSCO को ब्रिटिश रेगुलेटर की फाइंडिंग्स से भी रूबरू कराएगी. SII ने ऑक्सफर्ड के कोविड टीके के लिए एस्ट्राजेनेका से डील की है. भारत में यह वैक्सीन Covishield नाम से उपलब्ध हो सकती है.
भारत बायोटेक को फिलहाल जारी फेज 3 ट्रायल्स का सेफ्टी और एफेकसी डेटा सौंपने को कहा गया है. कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के सामने 7 दिसंबर को इमर्जेंसी यूथ अथॅराइजेशन के लिए अप्लाई किया था. कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों संग मिलकर Covaxin नाम से टीका बनाया है.
किन बातों को ध्यान में रखेगी?
सीरम इंस्टिट्यूट को मंजूरी देने से पहले SEC ब्रिटिश ड्रग रेगुलेटर के फैसले का भी वेट कर रही है. एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड की इस वैक्सीन का सिंगल डोज वााल एक और ट्रायल शुरू हो चुका है. ऐसे में अभी यह साफ नहीं है कि यूके में इसके पूरा होने का इंतजार किया जाएगा या ऐसे ही मंजूरी दे दी जाएगी. SEC वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले ट्रायल के हर डेटा को बारीकी से जांचेगी. वैक्सीन सेफ और असरदार है, इसे लेकर संतुष्ट होने के बाद मैनुफैक्चरिंग और उपलब्धता को लेकर सवाल होंगे.