ठेकेदारों को ठेके की राशि के आधार पर अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी होगी देनी…
भोपाल । रक्षाबंधन से पहले मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इसके तहत 10 अगस्त 2022 के बाद एसओआर से 10 प्रतिशत से ज़्यादा कम दर पर टेंडर डालने वाले ठेकेदारों को ठेके की राशि के आधार पर अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी देनी होगी, जो पूर्व में दी जाने वाली अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी राशि की तुलना में अधिक होगी।
दरअसल, लोक निर्माण विभाग, मप्र शासन ने एसओआर (SOR) से 10% से अधिक कम दर पर निविदा डालकर कार्यों की गुणवत्ता और कार्य की समय-सीमा को प्रभावित करने वाले ठेकेदार और निर्माण एजेंसियों पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया है। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 10 अगस्त 2022 के बाद एसओआर से 10 प्रतिशत से ज़्यादा कम दर पर टेंडर डालने वाले ठेकेदारों को ठेके की राशि के आधार पर अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी देनी होगी, जो पूर्व में दी जाने वाली अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी राशि की तुलना में अधिक होगी। अभी तक अनुबंधित राशि पर अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी लिये जाने का प्रावधान था।
मंत्री भार्गव ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने से विभाग को व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग की छवि भी प्रभावित हो रही थी। परिणामस्वरूप निविदा में अव्यवहारिक दर डालने वाली निर्माण एजेंसियों को नियंत्रित और हतोत्साहित करने के लिए नवीन व्यवस्था लागू की जा रही है। यह व्यवस्था आदेश जारी करने के दिनांक से लागू कर दी गई है।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई ने बताया कि नवीन व्यवस्था में किसी भी टेंडर में एसओआर से 10% से अधिक कम दर को अव्यवहारिक रेट माना जाएगा। अब अगर किसी ठेकेदार द्वारा एसओआर से 10% से ज़्यादा नीचे रेट डाला जायेगा तो उस पर विभाग द्वारा निर्धारित 10% तक कम दर को व्यवहारिक दर मान कर और निविदाकार द्वारा टेंडर में डाली गई राशि, जो एल-1 है, के बीच के अंतर की राशि अतिरिक्त परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में ली जाएगी। इसकी गणना ठेके की राशि के आधार पर होगी। अभी तक यह राशि अनुबंधित राशि के आधार पर ली जा रही थी।
विभाग द्वारा अतिरिक्त परफार्मेंस राशि लेने का फार्मूला भी निर्धारित किया गया है। अतिरिक्त परफार्मेंस गारंटी की यह राशि जमा करने के बाद ही ठेकेदार या निर्माण एजेंसी के साथ अनुबंध किया जाएगा। यह निर्देश 10 अगस्त 2022 के बाद निष्पादित किए जाने वाले सभी अनुबंधों पर लागू होंगे। इससे पूर्व में जो अनुबंध हो चुके हैं, उन पर यह दरें प्रभावी नहीं होंगी।