करोड़ों का नुकसान, बिना बिजली के मीटर के हो रही खपत
ग्वालियर: नगर निगम सीमा के अंदर जहां पर पानी की लाइनें नहीं हैं, वहां पर पेयजल सप्लाई करने के लिए शहर भर में करीब 2000 बोरिंग हैं. इनमें से अधिकांश बोरिंग ऐसी हैं, जिन पर बिजली के मीटर नहीं लगे हैं. ऐसे में विद्युत विभाग नगर निगम को आकलित खपत का बिल दे रहा है. इसके कारण जो बोरिंग खराब पड़ी हैं या जिन बोरिंग में पानी खत्म हो चुका है, उनका भी बिल नगर निगम को भरना पड़ रहा है. साथ ही अमृत योजना के तहत पानी की लाइन डाल दिए जाने के कारण कई क्षेत्रों में बोरिंग का संचालन बंद कर दिया गया है, लेकिन निगम अब भी बिजली का बिल चुका रहा है. यह खुलासा नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है. अब नगर निगम विद्युत विभाग के साथ सर्वे कर सभी बोरिंग में मीटर लगवाने की तैयारी कर रहा है.
नगर निगम हर माह विद्युत विभाग को 3.5 करोड़ रुपये विद्युत बिल के रूप में भुगतान करता है. यह पैसे नगर निगम शहर में आमजनों को पानी सप्लाई करने के लिए चलने वाली बोरिंगों पर हाेने वाली विद्युत खपत के रूप में देता है. इनमें से करीब 55 प्रतिशत बोरिंगों पर मीटर ही नहीं लगे हैं. इसके कारण नगर निगम को विद्युत विभाग आकलित खपत लगाकर बिल देता है. यह गड़बड़ी काफी दिनाें से चल रही थी. पिछले दिनाें जब नगर निगम आयुक्त ने विद्युत विभाग के साथ बैठक की ताे संयुक्त रूप से बाेरिंग का निरीक्षण करने का निर्णय लिया गया. इस संयुक्त सर्वे में यह जानकारी निकलकर सामने आई है. अब निगम बिजली कंपनी से चर्चा करके जो बोरिंग खराब हैं, उनका आकलित बिल भेजना बंद करने के लिए कहेगा. साथ ही सभी बोरिंगों पर मीटर लगाए जाने के लिए पत्र भी लिखा जाएगा.