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मध्य प्रदेश में हुई बुलडोज़र कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग जाएगी कांग्रेस, छतरपुर घटना के बाद डीजीपी को सौंपा ज्ञापन…

भोपाल : छतरपुर में हाजी शहज़ाद के घर पर बुलडोज़र चलाने की कार्रवाई के ख़िलाफ़ आज मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भोपाल में डीजीपी को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में हुई ऐसी तमाम घटनाओं के ख़िलाफ़ वो सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग जाएँगे।

इस घटना को लेकर देशभर से कांग्रेस नेताओं का विरोध जारी है। एक तरफ़ जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अगर कोई क़ानून का कोई उल्लंघन करेगा, तो क़ानून अपना रास्ता बनाएगा। इस बात पर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सवाल किया है कि ‘चिन्हित करके छतरपुर में सिर्फ आरोप लगाकर मुसलमानों का घर और गाड़ियॉं तोड़ना क्या ये क़ानून सम्मत है?’

कांग्रेस ने DGP को दिया ज्ञापन

आज राजधानी भोपाल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, मुकेश नायक, विधायक आतिफ़ अकील सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस मुख्यालय पहुँचकर डीजीपी को लिखित ज्ञापन सौंपा। छतरपुर में हाजी शहज़ाद के घर पर बुलडोज़र चलाने की घटना पर जीतू पटवारी ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन की कोई भी व्यवस्था सर्विस बुक का पालन करना भूल गई है। वो बीजेपी को सहयोग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में न्यायिक शक्तियों का जितना दुर्व्यवहार हो रहा है, उतना कहीं नहीं हो रहा। संविधान की स्थापित न्याय प्रक्रिया है जिसे नजरअंदार कर मध्य प्रदेश में बुलडोज़र प्रवृति लाई गई है जो ये मैसेज देती है कि अदालत, क़ानून संविधान की परंपराओं को हम नहीं मानते हैं। कोई भी अपराधी अपराध करता है तो क़ानून नियमसम्मत कार्रवाई करता है और करना भी चाहिए। लेकिन दहशत बनाकर, डराकर बीजेपी के स्वार्थ को सिद्ध करना और ये भावना व्यक्त करना कि हम जो चाहे करेंगे..ये स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। छतरपर की घटना राजनैतिक या सामाजिक घटना नहीं है, ये संवैधानिक घटना है। वो चाहे ग्वालियर की बात हो या भिंड मुरैना की..अलग अलग स्थानों पर मकान गिराने की प्रवृत्ति मानव अधिकार के उल्लंघन का मामला है। कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि मध्य प्रदेश में जितनी भी ऐसी घटनाएँ हुई है उसके ख़िलाफ़ हम सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग जाएँगे। शांति के नाम पर दहशत फैलाई जा रही है और ये सही नहीं है।’

छतरपुर घटना का विरोध

वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि ‘प्रदेश में छतरपुर से पहले भी ऐसी बुलडोज़र कार्रवाई हुई है। सरकार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ जानबूझकर ऐसी कार्रवाई कर रही है। अगर कोई आरोपी है तो उसे पकड़ो। लेकिन पुलिस क्यों राजनीतिक सहयोग कर रही है। पुलिस को निष्पक्ष कार्य करना चाहिए। सरकार असंवैधानिक रूप से कार्रवाई कर रही है और हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट और मानवाधिकार आयोग जाएँगे।’ वहीं विधायक आतिफ़ अकील ने सवाल किया कि ‘देश संविधान से चलता है। अगर कोई बेकसूर है और उसका मकान तोड़ दिया जाए तो वो कहां तक सही है।’

राज्यसभा सांसद ने किए सवाल

वहीं राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने छतरपुर घटना को लेकर एक्स पर लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी छतरपुर के मामले में कह रहे हैं कि क़ानून का कोई उल्लंघन करेगा तो क़ानून अपना रास्ता बनायेगा। मेरा मुख्यमंत्री जी से सवाल है कि चिन्हित करके छतरपुर में सिर्फ आरोप लगाकर मुसलमानों का घर और गाड़ियॉं तोड़ना क्या ये क़ानून सम्मत है ? जिनके खिलाफ़ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली बिना किसी जॉंच पड़ताल के उन्हें बाज़ार में परेड़ कराई जा रही है और “पुलिस हमारी बाप है” जैसे नारे लगवा रही है क्या ये क़ानून सम्मत है ? कलेक्टर ने जिस घर को मौखिक तौर पर अवैध बता दिया क्या आनन फानन में उसे बुलडोज़ कर देना ये क़ानून सम्मत है ? हाजी शहज़ाद ने मीडिया को बयान जारी करके ये कहा है कि ज्ञापन देने के मामले में वो ख़ुद उच्च अधिकारियों के सम्पर्क में थे, उनके खिलाफ़ साज़िश की गई, एैसे में अपने राज्य के एक नागरिक की बात न सुनना और उसे अपराधी घोषित करके उसका घर, गाड़िया सब तोड़ देना क्या ये क़ानून सम्मत है ? तमाम सवालों के साथ साथ क्या एक मुख्यमंत्री द्वारा एकपक्षीय भाषा बोलना क़ानून सम्मत है ?’