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शिवराज सरकार के 14 मंत्रियों को हटाने के लिए कांग्रेस पहुंची चुनाव आयोग के द्वार

भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत कर 14 मंत्रियों को हटाने की मांग की है। कांग्रसे ने महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बयान और ग्वालियर में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के कांग्रेस कार्यकर्ता से उलझने के मामले को चुनाव आयोग के संज्ञा में भी लाया है।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सियासी घमासान चरम पर है।


प्रदेश में फिलहाल आदर्श आचार संहिता लागू करने का आदेश नहीं आया है। गुरुवार को मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और डबरा से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसके बाद कांग्रेस ने हमलावर रुख अपनाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भाजपा की शिकायत कर दी। इसमें कांग्रेस छोड़कर आए सिंधिया समर्थक भाजपा के 14 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने की शिकायत दर्ज कराई है।

कांग्रेस की शिकायत
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और प्रभारी चुनाव आयोग कार्य जेपी धनोपिया ने गुरुवार को इसकी शिकायत की है। धनोपिया ने शिकायत में मंत्री इमरती देवी के उस बयान का हवाला दिया है, जिसमें वह चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खुलेआम कह रही हैं कि हमें केवल 8 सीट जीतना है और उन्हें (कांग्रेस) 27 सीटें जीतनी है। सत्ता सरकार का इतना बहुमत तो होता ही है कि सरकार कलेक्टर से कहेगी जो सीट हमें चाहिए, वह हमें मिल जाएगी।


धनोपिया ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि विधानसभा के उपचुनाव को लेकर प्रदेश सरकार की नीति और नीयत में खोट है। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रस्तावित विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में प्रशासनिक अधिकारियों का खुलकर दुरुपयोग करें। शिकायत में ग्वालियर में 16 सितंबर यानी बुधवार को वहां से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की घटना का भी हवाला दिया। कहा- मंत्री ने साथियों के साथ मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के ग्वालियर में स्वागत में लगे पोस्टर फड़वा दिए।


ऐसे ही पीएचई मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना ने अपने क्षेत्र में हर घर में नलकूप लगवा रहे हैं। ये मतदाताओं को प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं। इसलिए निर्वाचन आयोग से निवेदन है कि मंत्रियों की संख्या 14 है और जो भाजपा द्वारा विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी हैं। उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से हटाने की कार्रवाई की जाए।

इनको हटाने की मांग
तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहू लाल सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं।