इंदौर नगर निगम में फ़र्ज़ी बिल घोटाले को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल, सीएम मोहन यादव से कार्रवाई की मांग
भोपाल : इंदौर नगर निगम में फ़र्ज़ी बिल घोटाले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा है कि इस घोटाले में कई महापौर और नियम आयुक्तों की भी भूमिका रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मामले की निष्पक्ष जाँच और दोषियों पर कार्रवाई की माँग की है।
कांग्रेस ने जड़े आरोप
केके मिश्रा ने एक्स पर लिखा है कि ‘मप्र की व्यावसायिक राजधानी इंदौर नगर पालिक निगम में सामने आया 104 करोड़ का बिल घोटाला,जो बढ़कर 1 हज़ार करोड़ तक जा सकता है, इसे उजागर करने का श्रेय तत्कालीन निगमायुक्त हर्षिता सिंह जी (IAS) को जाता है। 25 सालों से भाजपा शासित इस निगम में क़ाबिज़ रहे महापौरों और शासन के प्रतिनिधि निगमायुक्तों की भी इसमें महती भूमिका रही हैं? कुछ आयुक्त जो अपने आप को स्वयंभू दबंग कहलाते रहे, उनकी पदस्थी क्या भू – भवन माफियाओं के साथ मदिरा पान कर उन्हें संरक्षित करने के लिए या बड़ी अपेक्षाओं वाले सौदे नहीं पटने की स्थिति और आतंकी तरीक़ों से वसूले जाने वाले फंड की आपूर्ति न होने पर उन्हें तहस- नहस करने के लिए ही थी, जब एक महिला IAS इस उजागर करने में मर्दानगी दिखा सकती है, तो राजनैतिक -प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त ये स्वयंभू मर्द इतनी हिम्मत क्यों नहीं दिखा पाये ?
सीएम से कार्रवाई की मांग
वो लिखते हैं कि ‘इतना बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होते ही आयुक्त हर्षिता सिंह जी का तबादला क्यों हुआ? क्या भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मोदी जी गारंटी व मोदी जी के परिवार का आदर्श प्रस्तुत करने वाली भाजपा और राज्य सरकार की (ई) मानदार मंशा का द्योतक है ? क्या उनके स्थानांतर में मौजूदा महापौर और उनकी परिषद की भी भूमिका हैं ? जब यह शहर भाजपा को कई सालों से नवाज़ता हुआ उसे अपना भरपूर समर्थन दे रहा है,सम्पन्न विधानसभा के चुनाव में भी सभी विधायक दिये हैं, लोकतंत्र,मतदान के अधिकार का गर्भपात और कालेधन के उपयोग से सांसद भी बलात् सौंपने की तैयारी भी की जा चुकी है। लिहाज़ा, अपनी खुली आँखों से यह सब भ्रष्टाचार के इस नंगे नाच को किस मजबूरी के तहत, खामोशी के साथ क्यों देख रहे है, कोई उत्तर देगा ? मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, माँ अहिल्या के आदर्शों का पूजक यह महानगर आपसे निष्पक्ष जांच और सभी सफ़ेदपोश आरोपितों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित धारा 120-B के तहत कार्यवाही की उम्मीद आपसे रख सकता है ?