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कांग्रेस अपनी दूसरी लिस्ट जारी करने की तैयारी में, कमलनाथ दिल्ली रवाना

भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन के मामले में कांग्रेस भाजपा से आगे हो चुकी है। अब तक भाजपा अधिकारिक तौर पर अपने एक भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं कर सकी है। जबकि कांग्रेस 15 नाम तय करने के बाद अब 12 और प्रत्याशियों के नाम तीन-चार दिन में जारी कर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ग्वालियर में चुनाव प्रचार के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। ऐसे में 22 सितंबर तक 12 नामों की घोषणा हो सकती है।


हालांकि, कांग्रेस के नाराज नेता और पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने पार्टी के अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दतिया जिले की भांडेर से फूल सिंह बरैया को टिकट दिए जाने का विरोध किया है। इधर, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि नाम तय हो चुके हैं। जल्द ही पार्टी उनकी घोषणा कर देगी। इसके साथ ही पूरी कार्यकारिणी का भी ऐलान किया जाएगा।

कांग्रेस 15 उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी
कांग्रेस ने पहली सूची में 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। शेष 13 सीटों में से ब्यावरा को छोड़कर सभी 12 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और पार्टी के प्रमुख नेता कमलनाथ, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को यह सूची देंगे। उसके बाद पहले की तरह ही दिल्ली से ही एक-दो दिन में सूची जारी की जा सकती है।


कमलनाथ और दिग्विजय के सामने दावेदारी पेश की
मेहगांव, सुमावली, बड़ामलहरा, मांधाता, मुरैना, पोहरी, ब्यावरा, ग्वालियर पूर्व, मुंगावली, सुवासरा, बदनावर और जावरा और सीटों के अधिकांश दावेदार कमलनाथ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक के समक्ष दावेदारी प्रस्तुत कर चुके हैं। हालांकि, इस बार भी नामों को तय करने में कमलनाथ की ही पसंद को तरजीह दी जा सकती है। नामों को तय करने के लिए पार्टी के स्थानीय नेताओं के फीडबैक लेने से लेकर मैदानी स्तर पर सर्वे भी करा चुकी है।


दूसरी पार्टी से आए नेताओं पर भरोसा
भाजपा से कांग्रेस में आई पारुल को सुरखी से टिकट मिलने की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि वे पहले एक बार कांग्रेस से भाजपा में गए गोविंद सिंह राजपूत को मामूली अंतर से हरा चुकी हैं। इसी तरह ग्वालियर पूर्व समेत कुछ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और बसपा से आए पार्टी नेताओं को कांग्रेस अपना प्रत्याशी बना सकती है।


कुछ और पूर्व विधायकों को टिकट देने पर विचार
पार्टी के सामने नामों की घोषणा नहीं करने की सबसे बड़ी समस्या पूर्व विधायकों का विरोध है। जौरा, आगर और ब्यावरा समेत कुछ सीट के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर मेहनत करनी पड़ रही है। यह बात और है कि भाजपा ने अब तक आधिकारिक तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री तक इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।