ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने से कांग्रेस को नही हुआ है नुकसान
जब मार्च की शुरूआत में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गये थे, तब ऐसा लगा था कि कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा नुकसान हुआ है. ऐसा लगा था कि बड़े पेड़ से एक मजबूत डाल काट दी गई हो. हालांकि उस वक्त कुछ परिस्थितियां भी कुछ ऐसी बनी थीं, जिनसे ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान है. लेकिन कहते हैं न कि वक्त के साथ साथ अतीत में घटी हुई घटनाओं का आंकलन करने से ही मालूम पड़ता है कि उस घटना का परिणाम क्या हुआ. वो फायदे का सौदा रहा या नुकसान का.
इसी तरह इसमें भी यही हुआ. पहले तो लगा कि सिंधिया के बीजेपी में जाने से कांग्रेस को नुकसान हुआ होगा, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सिंधिया के इस फैसले से कांग्रेस को फायदा ही हुआ है. ग्वालियर के एक बड़े कांग्रेसी नेता के अनुसार ग्वालियर-चंबल संभाग की पूरी राजनीति ज्योतिरादित्य सिंधिया के आसपास ही घूमती थी. उनके आदेश के बिना कांग्रेस पार्टी में एक पत्ता तक नहीं हिलता था. चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया जिसे कहते थे उसे ही टिकट मिलता था. फिर चाहे वो पार्षदी का चुनाव होता या फिर लोकसभा का. टिकटों में सिंधिया जी की ही पसंद को ही तवज्जो दी जाती थी. सिंधिया जी टिकट अपने पसंदीदा लोगों को देते थे लेकिन उसका परिणाम क्या होता था, सिर्फ हार….. इससे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और नेता का अपमान होता था. वो चुनावों में पूरी मेहनत करता था, लेकिन सिंधिया जी अपनी हार की जिम्मेदारी संगठन और कार्यकताओं पर डाल देते थे.
अब सिंधिया जी कांग्रेस में नहीं है. ग्वालियर चम्बल संभाग में कांग्रेस पार्टी अब खुलकर फैसले ले सकती है. अब पार्षदी से लेकर सांसदी तक के टिकट मजबूत और जनप्रिय प्रत्यशियों को मिलेंगे. और यह बात इस उपचुनावों में हुए टिकट वितरण से साबित भी हो जाती है. सिंधिया जी के कांग्रेस से जाने से कांग्रेस का संगठन मजबूत होगा. संगठन में अब किसी व्यक्ति विशेष की नही बल्कि कार्यकर्ता की सुनी जाएगी. इससे कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी. पहले ग्वालियर चंबल संभाग में कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि सिर्फ सिंधिया जी व् उनके नेताओं की चलती थी. लेकिन अब कार्यकर्ताओं की चलेगी. और इससे कहीं न कहीं लग रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़कर जाने से पार्टी को नुकसान कम फायदा ज्यादा हुआ है.