सुलझेगी मृतकों को दफन करने की गुत्थी
पेरिस: निएंडरथल, यानी हजारों साल पहले पाए जाने वाले मानव का 41 हजार साल पुराना कंकाल मिला है. वैज्ञानिक इस कंकाल के जरिये इस गुत्थी को सुलझाने के करीब है कि पाषाण युग के लोग जानबूझकर मृतकों को दफन क्यों करते थे.
स्पेन में बास्क यूनिवर्सिटी के फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च और म्यूजियम नेशनल डी’हिस्टोयर नेचरल के शोधकर्ताओं ने एक बच्चे के कंकाल की 47 हड्डियों की पहचान की है. इन हड्डियों की पहले पहचान नहीं की गई थी. उन्होंने पुष्टि की है कि इन हड्डियों में से एक 41 हजार साल पुरानी थी. इतना ही नहीं जब इस टुकड़े के माइटोकॉन्ड्रिया (कोशिकाद्रव्य) डीएनए का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि यह निएंडरथल की है.
दफनाने के बाद जगह को चिन्हित भी करते थे
स्पेनिश और फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इन अवशेषों की दोबारा जांच की और दक्षिणी फ्रांस के ला फेरैसी में मूल पुरातात्विक स्थल की फिर से खुदाई की. उन्होंने खुदाई में मिले बड़े संग्रह में से कुछ हिस्से का उपयोग निएंडरथल के कंकाल को पूरा करने के लिए किया है. साथ ही इसे लेकर कहा है कि इन्हें जानबूझकर दफन किया गया था.
शोधकर्ताओं ने कहा है कि शव के पास तक मांसाहारियों के जाने के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन जहां शव रखा गया है, उस जगह को लेकर जरूर संकेत दिया गया था. यह बताता है कि कंकाल को जानबूझकर वहां रखा गया था.
अध्ययन में कहा गया है, ‘अंतिम संस्कार की प्रथा शुरू होने के अपने तथाकथित आधुनिक ज्ञान संबंधी और व्यवहारिक कारण हैं. ये नए नतीजे निएंडरथल के लापता होने के कालक्रम के बारे में चर्चा के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि देते हैं. साथ ही इनकी सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति समेत व्यवहारिक क्षमता को भी बताते हैं.’