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दो साल होने को आए, गृह मंत्रालय अब तक नहीं बना सका CAA के कानून

साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संसिप्धन एक्ट बड़े ही जोर शोर से पास कराया था. जिसके बाद दिल्ली समेत देशभर में इस एक्ट के खिलाफ आंदोलन हुए थे. सरकार को इसे देशभर में लागू करने के लिए नियम बनाने थे. लेकिन लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी गृह मंत्रालय अब तक नियम नहीं बना पाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज संसद में इसकी जानकार दी है. इसके साथ ही मंत्रालय ने बताया कि नियमों को बनाने के लिए उसे 6 महीनों की और जरुरत है.

संसद में एक सवाल का जवाब  देते हुए गृह मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता संसोधन एक्ट के तहत नियमों को बनाने में उसे अभी 6 महीनों की और जरुरत है. मंत्रालय ने इसके लिए 9 जनवरी 2022 तक का वक्त मांगा है.

गौरव गोगोई ने पूछा सवाल

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सवाल पूछा था कि क्या केंद्र सरकार ने CAA के नियमों को नोटिफाई करने की कोई अंतिम तारीख टी की है. अगर हाँ तो वह क्या हैं, और अगर अभी तक नहीं तो क्यों?

प्रतीकात्मक तस्वीर

इसी प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि CAA को 12 दिसम्बर 2019 को नोटिफाई किया गया था. हालांकि इसने कानून का रूप साल 2020 में लिया. लेकिन लोकसभा और राज्यसभा की कमेटियों से इन कानून के अंतर्गत नियम तैयार करने के लिए जनवरी 2022 तक के लिए समय मांगा गया है.

कोरोना की वजह से हुई देरी – सरकार

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में नागरिकता संशोधन एक्ट को पेश किया गया था. इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत में नागरिकता दी जा सकेगी. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र सरकार के इस कानून का देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर विरोध हुआ था, साथ ही विपक्ष भी इस कानून के खिलाफ था. हालांकि, बिल के कानून का रूप लेने के बाद ही देश में कोरोना वायरस की एंट्री हो गई थी, ऐसे में सरकार ने कानून बनाने के लिए लंबा वक्त मांगा था.