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सीएम मोहन यादव ने सिविल सेवा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे, कहा ‘ये नियुक्ति पत्र नहीं, विश्वास पत्र है’

भोपाल : सीएम मोहन यादव ने आज मध्यप्रदेश सिविल सेवा के वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 के लिये चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्रों का वितरण किया। इस दौरान उन्होने कहा कि ये नियुक्ति पत्र, नहीं विश्वास का पत्र है। भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों से संवाद किया और उनके सवालों के जवाब भी दिए और सफलता के मंत्र भी बताए। उन्होने सभी को बधाई दी और उम्मीद की कि वो सही लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगे।

नियुक्ति पत्र है विश्वास पत्र

सीएम ने कहा कि ‘ये नियुक्ति पत्र असल में विश्वास का पत्र है..संभावना का पत्र है। इस विश्वास पत्र के माध्यम से आप भविष्य में सफल, सक्षम और सुशासित मध्यप्रदेश बने, इसमें बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी के नाते से आप आगे जा सकते हैं। मैंने इससे पहले भी कहा था कि ये आपका अंतिम पड़ाव भी नहीं है। इस काम को करते करते आप अपने भीतर की ललक बनाए रखें।’ उन्होने कहा कि इस दौरान आपको कोई अन्य परीक्षा देनी हो तो वो भी आप देते रहिए, अगर शासन की मंजूरी की जरुरत पड़ेगी तो मैं आपकी मदद करूंगा। उसमें कोई कंजूसी नहीं होगी। सीएम ने कहा कि ‘आप युवा हैं और दुनिया का सबसे युवा देश भारत है, ऐसे में आप धरोहर भी हैं। इसलिए उस धरोहर का पालन पोषण करते हुए उनके अभीष्ट तक की प्राप्ति कराना हमारा भी उत्तरदायित्व है। इसीलिए आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री जी लगातार कह रहे हैं कि 2047 तक हर क्षेत्र में देश आगे बढ़े। देश के साथ प्रदेश भी आगे बढ़े। इस राह में आपको बहुत सारी चुनौतियां भी मिलेंगी। उनसे जूझना भी पड़ेगा। चुनौतियों का समाधान निकालना आना चाहिए, उनपर विजय कैसे प्राप्त करें ये सीखना जरुरी है।’

चयनित अभ्यर्थियों से किया संवाद

मुख्यमंत्री ने इस संवाद के दौरान चयनित अभ्यर्थियों को बताया कि वे अपन दैनंदिन कार्यों की रूपरेखा बनाते हैं और नवाचार भी करते रहते हैं। उन्होने कहा कि सफलता पाने और नए मुकाम तक पहुंचने की ललक हमेशा बनाए रखना चाहिए। अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि हमारे काम करने में सहायता करने वाले लोग भी होने चाहिए, जो हमें उद्देश्य प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं। अपने छात्र जीवन का उदाहरण देते हुए उन्होने बताया कि उस समय उनके मित्रों ने उनकी काफी सहायता की और आज तक उनके मित्रता वैसी ही बनी हुई है। चयनित अभ्यर्थियों से बात करते हुए वे हास परिहास करते भी नज़र आए।

‘अपने काम का इफैक्ट देखना ज़रुरी’

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हम जो भी काम करते हैं उसका इफैक्ट कैसा हो रहा है, ये देखना जरुरी है। वो काम गरिमा बढ़ाने वाला होना चाहिए। किसी भी काम को करते हुए हमेशा हमारी मंशा अच्छी होनी चाहिए। इसी के साथ उन्होने कहा कि कई बार हमें अपने काम का या विभाग का अहंकार भी हो जाता है, और इससे सदैव बचना चाहिए। हमने जो हासिल किया, उसका अहंकार कभी नहीं करना चाहिए। इस मौके पर उन्होने एसडीएम सिंगरौली द्वारा महिला कर्मचारी से जूते का लेस बंधवाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के दृश्य समाज में अच्छे संकेत नहीं देते हैं और इसीलिए उन्हें एसडीएम को हटाने का निर्णय लेना पड़ा।

‘समग्रता के साथ विकास के पथ पर बढ़ें’

सीएम ने कहा कि प्रदेश का विकास करना है तो वो किसी एक सेक्टर में ही नहीं हो सकता। ये समग्रता के साथ ही संभव है और समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलान आना चाहिए। लेकिन ये किसी के व्यक्तिगत हित तक ही संभव नहीं है, हमें अपनी गौरवशाली परंपरा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ की विचारधारा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी विभाग समन्वित रूप से कार्य करें और विकास के पथ पर आगे बढ़ें। आज़ादी के अमृतकाल के लिए यही संकल्प भी लिया गया है। उन्होने कहा कि हमें अपना आंकलन करते रहना जरुरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने आत्मविश्वास और आत्मा की आवाज के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अपनी क्षमता पहचानें और उसका उपयोग समाज हित में करें।