सीएम डॉ. मोहन यादव की किसानों को सलाह ‘कर्ज़ ले लेना लेकिन अपनी ज़मीन मत बेचना’, आत्म निर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश कार्यक्रम का शुभारंभ…
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में तीन दिवसीय “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री प्रह्लाद पटेल, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग मंत्री एंदल सिंह कंसाना, पशुपालन एवं डेयरी विभाग मंत्री लखन पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
‘भारत की आत्मा गाँवों में बसती है’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत सच्चे अर्थ में गाँवों में बसता है। गाँव से ही भारत की आत्मा की ध्वनि सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि ‘महात्मा गांधी ने कहा था कि सच्चा भारत समझना है तो गाँवों में चले जाना चाहिए। आत्म निर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश में सारी बातें आ जाती हैं। बदलते दौर में गाँवों पर शहरों का थोड़ा प्रभाव हो रहा है लेकिन आज भी वो अपनी पहचान के साथ क़ायम हैं। हमारे गाँव की हक़ीक़त और परिवेश नहीं बदला है। गाँव की समस्या का गाँव के अंदर ही समाधान हो जाता है। वो अपना अनुशासन अपनी व्यवस्था स्वयं संचालित करते हैं। आज के दौर में इस बात का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुंदेलखंड में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना लागू की गई है। प्रधानमंत्री द्वारा 1 लाख करोड़ रूपए दिए जा रहे हैं। 45 हज़ार करोड़ मध्य प्रदेश के लिए और 45 हज़ार करोड़ रूपये उत्तर प्रदेश को दिए जा रहे हैं। ऐसे ही श्योपुर में कालीसिंध-पार्वती-चंबल तीनों नदियों को जोड़ा जाएगा। कल लोकसभा में पीएम मोदी जी की सरकार ने इस बात का उल्लेख भी किया है।’
‘कृषि के साथ पशुपालन को भी दे रहे हैं बढ़ावा’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गाँवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश के किसानों से आग्रह किया कि वे कभी भी अपनी ज़मीन न बेचें। उन्होंने कहा कि ‘गाँव में कभी अपनी ज़मीन मत बेचना। मौक़ा पड़े तो कोई कर्ज़ ले लेना वो चलेगा। लेकिन बदलते हुए मध्य प्रदेश में ज़मीनों का जो माहौल बदलेगा, खेती की आमदमी बढ़ेगी, जिस प्रकार से समय बदल रहा है हम पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ेंगे। सिर्फ खेती ही नहीं, हम किसानों की आमदनी का दूसरा ज़रिया पशुपालन है और हम उस ओर भी ध्यान दे रहे हैं। पशुपालन को लेकर हमने कैबिनेट में निर्णय लिया कि हम गौमाता को कांजीहाउस या खिड़क नहीं भेजेंगे, बल्कि उनके लिए गौशाला बनाएँगे। जिन गौधन का ध्यान उनके मालिक नहीं रख पा रहे हैं उनका ध्यान सरकार रखेगी और इसके लिए सारा पैसा सरकार देगी। इसके लिए पर्याप्त धनराशि है और हम प्रति गाय राशि बीस रूपये से बढ़ाकर चालीस रुपये दी जाएगी।’
दूध ख़रीदी पर मिलेगा बोनस
उन्होंने कहा कि ‘ये निर्णय सिर्फ गौशालाओं के लिए नहीं है..जिन किसान परिवार के पास दस गाय से अधिक होगी, उन्हें भी अनुदान मिलेगा। जैसे हम फसल ख़रीदने में बोनस देते हैं..हम दूध की खरीदी पर भी बोनस प्रारंभ करने जा रहे हैं। गौमाता में हमसे अधिक संवेदनशीलता है। हम उनका पूरा ध्यान रखेंगे। साथ ही कृषि के साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देंगे और अधिक गौशाला खोलेंगे। जहां गाय पालने की समस्या है, वहाँ छोटी बछिया गाँववालों को दे देंगे और दो साल की उम्र होने के बाद उसे सरकार खरीद लेगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार गाय ख़रीदेगी तो आधे लोग गाय को बेचेंगे ही नहीं बल्कि ख़ुद रखना चाहेंगे। और जो लोग उसे बेचना चाहेंगे, उन्हें सरकार ख़रीद लेगी। बछिया ख़रीदने की गारंटी हम देंगे।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बहुत सारे और प्रयोग भी कर रही है। हम ग्रामीण इलाक़ों में नैसर्गिक सौंदर्य के बीच आयुर्वेद सेंटर बनाएँगे, पर्यटन को बढ़ावा देंगे। लघु कुटीर को बढ़ावा देंगे और स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए बाज़ार भी तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत ये सब काम करेगी और सरकार गाँवों के विकास के लिए पूरी तरह कृतसंकल्पित है।