सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया ‘भारतीय भाषा महोत्सव’ का शुभारंभ, कहा ‘भाषा और बोलियां हमारी संस्कृति से अभिन्न हिस्सा’
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल के सप्रे संग्रहालय में भारतीय भाषा महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि “भारतीय भाषा महोत्सव” हमारी समृद्ध भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और प्रोत्साहित करने का अद्भुत अवसर है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।
सीएम ने किया भारतीय भाषा महोत्सव का शुभारंभ
भोपाल के माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान में भारतीय भाषा महोत्सव शुरु हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘भारतीय भाषा में हिंदी भाषा की बात करें तो उसका संबंध संस्कृत से जुड़ता है। संस्कृत से हमारी अपनी संस्कृति का अहसास होता है। पूरी भारतीय संस्कृति में इसकी व्यापकता है। पूरे देश का..वर्तमान का हमारा दृश्य हमारी आँखों के सामने आएगा। भारत एक है और हमेशा एक ही दिखेगा क्योंकि इसकी संस्कृति एक है।’
भाषा के साथ बोलियों का भी महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमें भाषा के साथ बोलियों को भी याद रखना होगा। बोलियों की अपनी मिठास, आनंद और इतिहास है। हम मालवा की बात करें तो हजारों साल से मालवा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। पराक्रम, पुरुषार्थ और व्यापार-व्यवसाय से लेकर अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाई है। ये बात यहाँ की बोली में भी झलकती है। बोली में हमें हर स्थान की स्थानीय संस्कृति की झलक मिलती है। वहीं हिंदी की यात्रा का एक हज़ार साल का इतिहास है। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए कई प्रयत्न किए गए। हिंदी भाषा को समृद्ध करने में माधवराव सप्रे की भी महती भूमिका रही है। आज हम ऐसे सभी महानुभावों का स्मरण करते हैं और अपनी भाषा को संपन्न बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करने का संकल्प भी लेते हैं।’ माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय में आयोजित “भारतीय भाषा महोत्सव” के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पुस्तकों का विमोचन भी किया।