कोरोना इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा वसूली पर मुख्यमंत्री सख्त
इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि कोरोना काल में निजी अस्पतालों ने मदद की, उसके लिए धन्यवाद, लेकिन उन्हें किसी मरीज को लूटने की अनुमति नहीं। उन्होंने कलेक्टर, कमिश्नर को अस्पताल वालों के साथ बैठकर रेट तय करने को कहा। दो दिन पहले ही एक निजी अस्पताल ने एक मरीज को 6 लाख रुपए का बिल थमाया था।
सांसद शंकर लालवानी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के समक्ष निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना काल में ज्यादा बिल वसूली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जनता बार-बार यह कह रही है कि निजी अस्पताल वाले ज्यादा बिल वसूल रहे हैं। सरकार और अस्पताल प्रबंधन बैठकर इस मुद्दा पर बात कर इसका कोई रास्ता निकाले। इस पर सीएम ने निजी अस्पतालों को कड़ा और सख्त संदेश दिया है।
सराहना
मुख्यमंत्री ने एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर संभागायुक्त, कलेक्टर, डीआईजी सहित चिकित्सकों से लेकर जनप्रतिनिधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो रही है, कोरोना अजीब बीमारी है, जो अपनों को भी दूर कर देती है, मैं भी इसका भुक्तभोगी हूं, जब अस्पताल में 12 दिन भर्ती रहा और बाथरूम से लेकर रूम की सफाई तक की। इंदौर ने कोरोना की जंग में कई सफलताएं हासिल की। आज नए हॉस्पिटल के शुभारंभ के साथ बहुत बड़ी कामयाबी मिली है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि निजी हॉस्पिटलों को लूट की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी। उन्होंने अफसरों को मंच से ही निर्देश दिए कि जनता का इलाज बेहतर हो, लेकिन अवैध वसूली न होने दें।
यह है मामला
भंवरकुआं स्थित एप्पल हॉस्पिटल ने कोरोना मरीज के इलाज के लिए छह लाख का भारी भरकम बिल मरीज के परिजनों को थमाया था।। सागर निवासी व्यक्ति के परिजन ने कलेक्टर को इसकी शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि 22 दिन तक भर्ती करने के बाद मरीज को छह लाख का बिल दिया गया। एक लाख रुपए की दवाई बाहर से मंगवाई, जिससे इलाज का कुल खर्च सात लाख हो गया। इसके बाद मंगलवार रात को जिला प्रशासन की समिति ने छापामार कार्रवाई की। शिकायत करने वाले मरीज के अलावा अन्य मरीजों के बिल का रिकाॅर्ड भी लिया गया था। जांच में पता लगा कि मरीज से रोजाना तीन हजार रुपए प्रतिदिन यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर लिए गए। वहां भर्ती सभी मरीजों से यह राशि ली जा रही है। जांच समिति को जो बिल की कॉपी दी गई, उसमें निजी लैब में करवाई कोरोना जांच का उल्लेख नहीं है। मरीज को दिए गए बिल में इसका भी शुल्क जोड़ा गया है।