BhopalMadhya Pradesh

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा : केंद्र सरकार कर रही किसानों से खिलवाड़

भोपाल। पू्र्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र और प्रदेश सरकार की कृषि नीतियों पर निशाना साधते हुए इसे किसानों के रोजगार और आजिविका के साथ खिलवाड़ बताया है।
कमलननाथ ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की 23 प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करती है। व्यापक पैमाने पर सिर्फ गेहूं और धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है, क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सरकार को गेहूं और धान बांटना होता है और आपातस्थिति के लिए संग्रहित करना होता है। चूंकि कांग्रेस की केंद्र सरकार 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून लेकर आई थी व उसके दायरे में देश के 86 करोड़ लोगों को लाया गया, तब समर्थन मूल्य की खरीद का दायरा बढ़ गया था।


नाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले देश से वादा किया था कि वो सरकार में आते ही किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य देंगे, लेकिन सरकार में आते ही सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर साफ इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने सभी राज्यों में समर्थन मूल्य के ऊपर किसानों को बोनस देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
किसानों को आशंका है कि जब आवश्यक वस्तु अधिनियम को संशोधित करते हुए असीमित संग्रहण की छूट दी गई है, तब बड़े व्यापारी मनमाने तरीके से फसलों के दाम प्रभावित कर सकते हैं। अतः केंद्र सरकार को चाहिए कि वे किसानों को समर्थन मूल्य की वैधानिक आश्वस्ति प्रदान करे। हाल ही में केंद्र ने आनन-फानन में रबी सीजन 2021- 22 की फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा की है।

लिखित सुनिश्चितता नहीं
कमलनाथ ने कहा कि आज जब केंद्र सरकार द्वारा 3 कानून लाए गए हैं तब देश के किसानों को लग रहा है कि ये कानून उनकी आजीविका का संरक्षण नहीं करते। ये स्वाभाविक भी है, क्योंकि एक तो किसानों से इन कानूनों के निर्धारण के समय विमर्श नहीं किया गया, दूसरा उनके समर्थन मूल्य की इस कानून में कोई लिखित सुनिश्चितता तय नहीं की गई।