केंद्र सरकार का बेतुका बयान की ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान नहीं गयी……..
कोरोना की दूसरी लहर से देश भले ही उबर गया हो लेकिन इस दौरान चारों तरफ़ जो मौत का मंजर देखने को मिला और जिन्होंने अपनों को खोया उसे भूलने के लिए सदियां भी कम हैं. महामारी से जिनकी मौतें हुईं वे तो अब कभी लौट के नहीं आने वाले, लेकिन जो जीवित हैं, उन्हें ताउम्र याद रहेगा कि किस तरह वे अपनों को बचाने के लिए जूझ रहे थे, रुकती सांसों को थामने के लिए दौड़-भाग कर रहे थे, लेकिन ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण एक-एक कर सांसें रुकती जा रहीं थीं. हालांकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अनुभव आम लोगों के अनुभवों से थोड़ी अलग है.
केंद्र सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से भारत में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में इस बात का स्पष्ट दावा किया है कि देश के किसी भी राज्य से ऐसी जानकारी नहीं मिली है कि ऑक्सीजन न मिलने की वजह से किसी मरीज की मौत हुई. यानी, यदि केंद्र सरकार सत्य बोल रही है तब यह माना जा सकता है कि दूसरी लहर के दौरान आम लोगों ने अपने चारों तरफ जो देखा, जो सुना और ऑक्सीजन की कमी से जिन्होंने अपनों को खोया वह हकीकत नहीं बल्कि एक स्वप्न है.
दरअसल, कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से इस संबंध में प्रश्न पूछा था. इसके जवाब में राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने लिखित में दिए जवाब में कहा – स्वास्थ्य राज्य का विषय है. मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं. राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है.’ हालांकि, केंद्र ने ये जरूर स्वीकार किया है कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड कई गुना बढ़ गई थी.
केंद्र सरकार के इस अजीबोगरीब दावे को लेकर केंद्र सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है की, ‘सच है-—ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा, मौतें तो नरेंद्र मोदी की लापरवाही का नतीजा है.’