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सीबीएसई ने सैलेबस से राष्ट्रवाद, धर्मनिर्पेक्षता का पाठ हटाया

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच 30 फीसदी तक पाठ्यक्रम कम कर दिया है। सीबीएसई ने ऐसा छात्रों पर बोझ कम करने के उद्देश्य से किया गया है। कक्षा 9 से 12वीं तक 190 विषयों का पाठ्यक्रम 30 फीसदी तक घटाया गया है जो कि एक त्वरित उपाय है और यह रेशनलाइज्ड पाठ्यक्रम सिर्फ शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए है।


सीबीएसई के इस कदम के साथ विवाद भी शुरू हो गया है। सीबीएसई ने 11वीं कक्षा की किताबों से संघवाद, राष्ट्रवाद और धर्मनिर्पेक्षता जैसे पाठ को हटा दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम घटना जाने पर कहा कि वह सरकार के इस कदम का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से लोकतांत्रिक अधिकारों के मुद्दों को पाठ्यक्रम से हटाया है वह हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पाठ्यक्रम घटाने का ऐलान किया जिसमें नागरिकता, संघवाद, धर्मनिर्पेक्षता जैसे मुद्दे हटा दिए गए हैं।


उल्लेखनीय है कि सीबीएसई ने लॉकडाउन और ऑनलाइन क्लासेस की दिक्कतों को देखते हुए छात्रों का बोझ कम करने की कोशिश में 30 फीसदी तक पाठ्यक्रम घटाने की घोषणा की है। यह सिलेबस रिडक्शसन 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एकेडमिक ईयर 2020-21 के लिए लागू होगा।