अंधेर नगरी चौपट राजा: कुछ ऐसा ही हाल है शिवराज सरकार का, बजट टाइपिंग में हुई गलतियां
भोपाल: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने हाल ही में विधानसभा में राज्य के विकास के लिए लगभग ढाई लाख करोड़ का बजट पेश किया है. लेकिन इतनी बड़ी रकम में शहरों के विकास के लिए शिवराज सरकार के पास महज़ एक हजार रूपए ही हैं. सरकार का मानना है कि वो एक हजार रूपए में प्रदेश के शहरों का विकास कर लेगी. कम से कम शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किया गया बजट तो यही कह रहा है.
विधानसभा में पेश किए गए 2.41 लाख करोड़ के बजट में ऐसी कई गलतियां मौजूद हैं. मानवीय भूलचूक के नाम पर हुई इन गलतियों की वजह से शिवराज सरकार के बजट का देश भर में मखौल बन रहा है. बजट में शहरों के विकास के लिए नगरीय संस्थाओं को महज़ एक हज़ार रुपए देने का प्रावधान किया गया है. इसके बजाय बजट में एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान अंकित होना चाहिए था.
शिवराज सरकार के बजट में सिर्फ टाइपिंग की वजह से हुई गलतियां ही सामने नहीं आई है, बजट में गड़बड़ियों के ऐसे कई और भी उदाहरण हैं, जो चौंकाने वाले हैं. राज्य सरकार ने अपने बजट में एक ही काम के लिए दो अलग-अलग जगहों पर दो बार राशि का आवंटन भी किया है. उदाहरण के तौर पर मंदसौर ज़िले के तालाब पिपलिया सड़क के लिए अलग अलग दो दो बार राशि आवंटित कर दी गई है. बजट में निर्माण कार्य को लोक निर्माण विभाग के कार्यों के अंतर्गत अंकित किया जाना चाहिए था, लेकिन इसे पंचायती राज संस्थाओं में दर्शा दिया गया है. ऐसे ही जल संसाधन विभाग के बजट में कालिया खो तालाब को आगर मालवा में दर्शाया गया है. जबकि यह नीमच में स्थित है.
ऐसी ही अनेक गलतियां शिवराज सरकार के बजट में मौजूद हैं. हालांकि अभी विधानसभा में इस बजट पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. इसलिए सरकार अब इस बजट में मौजूद त्रुटियों को सुधारने में लग गई है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस ने देश भर में उड़ रहे शिवराज सरकार के मखौल के मद्देनजर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.