ग्वालियर की अनाज मंडी में किसानों के साथ कर रहे व्यापारी धोखा
ग्वालियर: सरकार ने मंडी के बाहर अनाज खरीद पर टैक्स फ्री क्या किया मंडी प्रबंधन का राजस्व पिछले साल से 12 गुना घट गया. दिनारपुर मंडी में पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में साढ़े 10 लाख स्र्पये टैक्स वसूला गया था, लेकिन इस बार महज 88 हजार का टैक्स ही वसूला जा सका. जबकि लक्ष्मीगंज मंडी में डेढ़ लाख का टैक्स वसूल किया गया. ऐसा नहीं कि मंडी में किसान कम आए हों बल्की जो किसान आए उन्हें प्रवेश पर्ची ही नहीं दी गई. जिससे व्यापारियों ने जमकर अनाज तो खरीदा पर मंडी से माल बाहर निकालने के लिए प्रवेश पर्ची नहीं कटवाई. जिससे मंडी प्रबंधन को राजस्व की हानि हुई. यह पूरा खेल मंडी प्रबंधन व व्यापारियों की सांठगांठ से चल रहा है.
इस तरह होती राजस्व की चोरी-
-मंडी में जब किसान अनाज लेकर पहुंचते हैं तो उन्हें प्रवेश पर्ची दी जाती है. जिससे इस बात का पता रहता है कि कितना अनाज मंडी के अंदर आया. जिन किसानों के पास प्रवेश पर्ची होती है व्यापारी उन्हीं किसानों के अनाज की बोली लगा सकते हैं. बोली लगाते वक्त मंडी का कर्मचारी साथ होता है, जिससे किसान को उचित भाव मिल सके और व्यापारी किसी तरह की चोरी या सांठगांठ न कर सकें. लेकिन किसान जब अनाज लेकर मंडी में प्रवेश करते हैं तो मंडी द्वारा उन्हें किसी तरह की प्रवेश पर्ची नहीं दी जाती.
- व्यापारी बिना प्रवेश पर्ची वाला माल मंडी के अंदर खरीद करते हैं. जिसके बाद खरीद किया गया अनाज को व्यापारी अपने वाहन से मंडी से बाहर निकालते हैं. मंडी से बाहर अनाज ले जाने वाले वाहन की भी प्रवेश पर्ची काटी जाती है ,जो नहीं काटी जा रही है. जिससे इस बात का पता नहीं चलता कि कितना माल खरीद किया गया और कितना व्यापारी मंडी से बाहर निकाल चुके हैं. इससे मंडी प्रबंधन को राजस्व ठीक से नहीं मिल पाता. यह पूरा काम मंडी प्रबंधन व व्यापारियों की सांठगांठ से चलता है.
दिनारपुर व लक्ष्मीगंज मंडी में चल रहा खेल-
यह पूरा खेल शहर की दोंनो मंडियों में खुलेआम चल रहा है. जिसकी जानकारी पूरे प्रबंधन को है लेकिन फिर भी राजस्व की चोरी नहीं रोकी जा रही है. उसकी का नतीजा है कि पिछले साल जहां अक्टूबर महीने में साढ़े दस लाख स्र्पये का राजस्व केवल दिनारपुर मंडी से मिला था वहां से इस बार महज 88 हजार का राजस्व मिला है.