‘ब्लू गैंग’ : अवैध शराब की भट्टियों को नष्ट कर बना रहा है देवस्थान
बैतूल। बैतूल में शराब और कच्ची शराब की अवैध बिक्री रोकने के लिए पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गांव की महिलाएं साथ दे रही हैं। इन महिलाओं को ब्लू गैंग का नाम दिया गया है। पुलिस इन महिलाओं के सहयोग से शराब की अवैध बिक्री और निर्माण दोनों पर काबू पाने की मुहिम चला रही है।
आदिवासी अंचल बैतूल में कच्ची शराब की अवैध बिक्री एक बड़ी समस्या है। आदिवासी परिवार न केवल खुद शराब बनाकर रखते हैं बल्कि अब तो वो शराब माफिया के साथ सांठगांठ कर बेचने भी लगे हैं। इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं और युवाओं में शराब की लत बढ़ रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब पुलिस का साथ ब्लू गैंग देगी। वो न केवल अवैध कच्ची शराब के अड्डों को नष्ट करेगी बल्कि उस जगह का शुद्धिकरण करके वहां देवस्थान बना देगी ताकि दोबारा वहां कोई भी अवैध कारोबार नहीं कर सके।
ब्लू गैंग
बैतूल के ग्रामीण और शहरी इलाको में अवैध कच्ची शराब के निर्माण और बिक्री को सख्ती से रोकने के लिए पुलिस ने ही ये ब्लू गैंग बनाया है। इसमें नगर और ग्राम रक्षा समिति की महिलाएं शामिल हैं। इनकी यूनिफॉर्म का रंग नीला होगा. इसलिए इस गैंग का नाम ब्लू गैंग रखा गया है।
ऐसे काम करेगा ब्लू गैंग
ब्लू गैंग की महिलाएं गांव गांव में मौजूद रहेंगी जो पुलिस के लिए बड़े नेटवर्क का काम करेंगी। इस गैंग से अवैध शराब की बिक्री या अड्डों की सूचना मिलते ही संबंधित इलाके का पुलिस स्टाफ ब्लू गैंग के सदस्यों को साथ लेकर अवैध कच्ची शराब के अड्डे तक पहुंचेगा। दोनों टीमें मिलकर शराब की भट्टियां नष्ट करेंगी और फिर उस जगह गाय का गोबर और आटा लीपा जाएगा। ऐसा करके वो जगह को शुद्ध करेंगी। उसके बाद वहां देवस्थान बना दिया जाएगा। शराब का अवैध कारोबार करने वालों को शपथ दिलाई जाएगी कि वो दोबारा ये अवैध काम नहीं करें। फिर सब मिलकर इस देवस्थान में पूजा पाठ करेंगे।
पति की प्रताड़ना और मारपीट से तंग सैकड़ों महिलाएं इस ब्लू गैंग की सदस्य बन रही हैं। पुलिस का मानना है कि अगर ये आइडिया काम कर गया तो बैतूल जिले में अवैध कच्ची शराब की बिक्री पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।