गांवों में फहराये गये काले झंडे, मोदी का पुतला फूंका गया
मुरैना: किसान आंदोलन को गति प्रदान करने देश आव्हान पर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने काला दिवस मनाया. इस दौरान कई गांव में काले झंडे लहराए गए और मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया. यह आंदोलन कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों की वापस लेने, बिजली कानून रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी अनिवार्य करने की मांग लेकर किया गया. इस असवर पर मप्र किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि दिल्ली के पांचों बॉर्डर पर 6 माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान 470 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं.
लेकिन कॉरपोरेट परस्त मोदी सरकार किसानों की सुनने के बजाय हठधर्मी और तानाशाही पूर्ण रुख अपनाए हुए हैं. काले दिवस के आयोजन में कांग्रेस, माकपा, बसपा, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, डीएमके, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, फारवर्ड ब्लाक, भाकपा, आरएसपी जैसी पार्टियां शामिल रहीं।
जौरा में पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्रा, युवा नेता गण हंसराज शर्मा, राजीव गुप्ता, प्रहलाद कुशवाह, अमर सिंह राठौर, डॉक्टर पप्पन कुर्रेशी, कैलारस में किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़, ओमप्रकाश श्रीवास, सुरेश धाकड़, सियाराम, बनवारी लाल, पवन सिंह, राजेश गुप्ता, रामलखन सिंह, राजवीर सिंह धाकड़, इब्राहिम शाह, सबलगढ़ में किसान सभा के जिला महासचिव मुरारी लाल धाकड़, आदिराम आर्य, इसराइल खान, अशोक राठौर, अरविंद सगर आदि शामिल रहे.