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भाजपा समर्थक एवं बॉलीवुड के एक्टर परेश रावल नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के अध्यक्ष चुने गये

कई बॉलीवुड फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके और गुजरात से बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल को गुरुवार को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेश रावल की यह नियुक्ति की.


कई लोग ये भी बातें कर रहें हैं की हमारे देश में और भी बेहतरीन कलाकार हैं, जो इस पद के लिए सटीक है पर क्या इसे राजनीती का खेल समझे या कुछ ?

एनएसडी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर एक्टर परेश रावल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि वह कार्य चुनौतीपूर्ण लेकिन मजेदार होगा. एक्टर को नई जिम्मेदारी दिए जाने की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भी दी. उन्होंने रावल को बधाई देते हुए लिखा, ‘प्रख्यात कलाकार परेश रावलजी को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा एनएसडी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उनकी प्रतिभा का लाभ देश के कलाकारों एवं छात्रों को मिलेगा. हार्दिक शुभकामनाएं।’


तीस सालों के फिल्मी करियर में परेश रावल को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें साल 1994 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था. इसके अलावा, बॉलीवुड इंडस्ट्री में योगदान के लिए साल 2014 में पूर्व सांसद परेश रावल को पद्मश्री से भी नवाजा गया था.

1985 में की बॉलीवुड में एंट्री

परेश रावल ने 1985 में अर्जुन की सहायक भूमिका में अपनी शुरुआत की. यह 1986 की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी जिसने उन्हें महान अभिनेता के रूप में स्थापित किया. वह 1980 और 1990 के दशक में 100 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिए, मुख्यतः खलनायक के रूप में, राजा अंकल, राम लखन, दाउद, बाजी और बहुत सारे किरदार निभाए. हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने किरदारों के साथ काफी प्रयोग करने भी शुरू किए और उन्होंने कॉमेडी विधा में भी हाथ आजमाया जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया. हेरा फेरा, मालामाल वीकली, हंगामा और हलचल जैसी फिल्मों में अपने कॉमेडी अवतार से उन्होंने काफी लोकप्रियता भी हासिल की है. 1990 के दशक में, उन्होंने पंथ कॉमेडी अंदाज अपना-अपना में भी अभिनय किया, जिसमें उन्होंने दोहरी भूमिका निभाई.

भाजपा और परेश रावल का साथ

परेश रावल ने लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ज्वाइन कर ली. अहमदाबाद (पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद (सांसद) के रूप में जीते. जिसके बाद उन्हें 2019 में भी चुनाव लड़ने का न्योता मिला लेकिन उन्होंने लोकसभा 2019 का चुनाव लड़ने से मना कर दिया. जिसकी वजह उन्होंने राजनीति को पर्याप्त समय नहीं देना बताई. रावल ने भले ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया हो, लेकिन वह खुद को भारतीय जनता पार्टी का समर्थक बताते हैं.

मोटा भाई (परेश रावल ) का भाजपा का समर्थक होना ये बात हमारे देश के मोटा भाई ( नरेंद्र मोदी) को तो नहीं भा गयी ? क्योंकि हमारे देश में ऐसे और बेहतर कलाकार हैं जो इस पद पर नियुक्त किये जा सकते थे