Madhya Pradesh

कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लापरवाही को लेकर भाजपा नेता ही सरकार को घेरने लगे

भारतीय जनता पार्टी में विरोध के स्वर प्रबल होते जा रहे हैं. सरकार की नीतियों के खिलाफ अब भाजपा के नेता ही आवाज बुलंद कर रहे हैं. पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बाद अब दूसरे बीजेपी नेता ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विश्नोई की ही विधानसभा पाटन के नुनसर के मंडल अध्यक्ष ने फेसबुक पोस्ट के जरिये सरकार को घेरा है.

नुनसर मंडल अध्यक्ष अजय पटेल ने घेरा शिवराज सरकार को

अजय पटेल ने शिवराज सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है – ‘हमारे मध्य प्रदेश का निकम्मा मुख्यमंत्री. मैं खुद मंडल अध्यक्ष उसका विरोध करता हूं. चाहे जो भी हो, क्योंकि मैंने अपनों को मारते हुए देखा है. माननीय शिवराज सिंह चौहान जी मैं आपकी ही पार्टी का मंडल अध्यक्ष नुनसर बोल रहा हूं. मैं अपने परिवार के लिए यदि इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं कर पा रहा हूं तो मैं इसको अपनी नाकामी मानूं या सरकार की.’

इस पोस्ट में हर नागरिक के दिल की बात- कांग्रेस

भाजपा के मंडल अध्यक्ष के इस पोस्ट के बाद कांग्रेस भी सरकार को घेरने में जुट गई है. कांग्रेस ने इस पोस्ट को लेकर कहा कि इसलिए पोस्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा कार्यकर्ताओं में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर किस हद तक नाराजगी है. कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने इस पोस्ट को प्रदेश के हर नागरिक के दिल की बात बताया है. कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश यादव का कहना है कि आज जो भी व्यवस्थाएं दिख रही हैं वे कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थीं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं कि गई.

पहले पूर्व मंत्री विश्नोई ने किया था ये ट्वीट

भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने एक ट्वीट मुख्यमंत्री सीएम शिवराज को किया. ट्वीट में विश्नोई ने बताया था कि मध्यप्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र में 10 गुना ज्यादा मरीज हैं वहां ऑक्सीजन की खपत मध्य प्रदेश से काफी कम है. दो प्रदेशों के बीच मरीजों में ऑक्सीजन की खपत को लेकर किया गया ट्वीट कई सवाल खड़े कर गया. कांग्रेस ने इसी के आधार पर घोटाले का आरोप लगाया था.

मुख्यमंत्रीजी, कृपया ध्यान दें

अजय विश्नोई ने, अपने ट्वीट के जरिए प्रदेश में कोविड मरीजों की औसत संख्या और उन पर खर्च की जाने वाली ऑक्सीजन की तुलना महाराष्ट्र से करते हुए सवाल खड़े किए. उन्होने टवीट् करते हुए लिखा -मुख्यमंत्री जी कृपया ध्यान दें. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50000 मरीज थे और ऑक्सीजन 457 मीट्रिक टन खर्च हुई है. लेकिन मध्यप्रदेश में सिर्फ 5000 मरीजों पर 732 मीट्रिक टन ऑक्सीजन खर्च क्यों हुई?