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भारत की बड़ी जीत, कतर की अदालत ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों की सजा-ए-मौत को कैद में बदला…

नई दिल्ली : कतर की अदालत ने कथित तौर पर जासूसी के मामले में गिरफ्तार 8 पूर्व नेवी अफसरों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि 9 नवंबर को भारत सरकार ने इस सजा के खिलाफ अपील दायर की, जिसे वहां की अदालत ने मंजूर कर लिया था। जिस पर कतर की कोर्ट ने फैसला आज सुनाया है। इस सुनवाई के दौरान भारत के एम्बेसेडर अदालत में मौजूद थे। उनके साथ सभी 8 परिवारों के सदस्य भी शामिल थे। मंत्रालय ने कहा कि अभी विस्तृत फैसले का इंतजार है। इसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ने अल-दहरा नाम की कंपनी में काम करने वाले 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया। साथ ही उन पर जासूसी का आरोप भी लगाया गया था। जिसके बाद इसी साल 25 मार्च को इन आठों अधिकारियों पर आरोप तय किए गए और 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई गई।

कौन हैं 8 भारतीय पूर्व नौसैनिक

कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व नौसैनिक की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी ,कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार के रूप में की गई है।