भोपाल : दिग्विजय सिंह के बेटे के यहाँ हुई चोरी तो पुलिस ने दिया यह जवाब…
भोपाल : भोपाल की पुलिस ने सफाई दी है कि पुलिस बेहतरीन काम कर रही है और हर अपराध और अपराधी से तत्परता और मुस्तैदी के साथ निपटने की भरपूर कोशिश की जाती है। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि उसकी ओर से किसी भी थाने की बोली पोस्टिंग के लिए नहीं लगाई जाती। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल की पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए थानों की बोली लगने का आरोप लगाया था।
जयवर्धन सिंह के घर चोरी के बाद बवाल
यूँ तो किसी भी जगह पर चोरी होना एक आम घटना है। लेकिन मामला अगर चार इमली जैसे संवेदनशील इलाके का हो तो हड़कंप मचना स्वाभाविक है। यह इलाका राजनेताओं विशेषकर मंत्रियों, विधायकों, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों और पत्रकारों को आवंटित किए गए बंगलों का इलाका है। माना जाता है कि राजधानी में सबसे सुरक्षित इलाका यही है। लेकिन इसी इलाके में अगर चोर सेंध लगा जाएँ और वह भी राजा की बेटे के यहाँ तो सवाल उठना लाज़मी है। राजा यानी दिग्विजय सिंह..मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान में राज्यसभा सांसद और उनके बेटे जयवर्धन सिंह भी प्रदेश के पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
दिग्विजय सिंह ने लगाया आरोप
जयवर्धन सिंह तीसरी बार के कांग्रेस के विधायक हैं। पिछले दिनों चार इमली में उन्हें आवंटित शासकीय आवास में चोर घुसे और चोरी कर चले गए। घटना के बाद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया ‘जब थाने की पोस्टिंग की बोली लगती है तो यही होगा। जयवर्धन सिंह के शासकीय आवास पर भी चोरी हो गयी। कमिश्नर भोपाल से क्या उम्मीद करें?’ बस फिर क्या था..हड़कंप मच गया।
पुलिस कमिश्नर ने दिया जवाब
इसके बाद आनन फानन में कमिश्नर पुलिस के X अकाउंट से पोस्ट आई जिसमें लिखा गया ‘थाने में पोस्टिंग की बोली के बयान निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। श्री जयवर्धन सिंह के शासकीय आवास में हुई चोरी का पुलिस खुलासा कर चुकी है,आरोपी पकड़ कर सामग्री जप्त की जा चुकी है। लगभग हर महत्वपूर्ण अपराध में पुलिस ने तत्परता से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की है।’
सवाल जस के तस
सोशल मीडिया पर आरोप और जवाब तो हो गए लेकिन अब सवाल यह है कि राजनेताओं का, विशेषकर विपक्षी राजनेताओं का तो आरोप लगाने का काम ही है। सत्ताधारी पार्टी की व्यवस्थाओं पर सवाल विपक्ष ना उठाएं, ऐसा हो ही नहीं सकता।तो फिर दिग्विजय सिंह की पोस्ट में आखिरकार ऐसा क्या था कि भोपाल पुलिस को यह सफाई देनी पड़ी कि थानों में बोली नहीं लगती। जाहिर तौर पर इससे एक बात तो साबित होती है कि दिग्विजय सिंह का जलवा आज भी कायम है। वे जिसकी और भी आंखें तरेर कर देख लें..खलबली मच जाती है। लेकिन एक सवाल और भी है..यदि यही चोरी किसी आम व्यक्ति के यहाँ हुई होती तो क्या भोपाल पुलिस एक्स पर पोस्ट कर सफाई देती ? क्या कानून व्यवस्था आम आदमी के लिए अलग और खास के लिए अलग है।