मुरैना में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.
मुरैना: बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अंतर्गत आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सीएमसीएलडीपी के छात्र, छात्राओं का उन्मुखीकरण प्रशिक्षण सह कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मुरैना में संपन्न हुआ. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कलेक्टर ने कहा कि आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सीएमसीएलडीपी डिग्री तक सीमित न रहें, उससे ऐसे लोंगो को समझायें जो विभाग की योजनाओं से बहुत दूर है.
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग, चंबल संभाग मुरैना, श्री डी.के.सिद्वार्थ, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती उपासना राय, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड मुरैना श्री राकेश शिवहरे, परियोजना अधिकारी श्री मनीष सिंह, परियोजना अधिकारी श्रीमती सरिता चतुर्वेदी सहित सीएमसीएलडीपी मैंटर्स एवं आंगनवाडी कार्यकतायें एवं सीएमसीएलडीपी के छात्र, छात्रायें उपस्थित थीं.
कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा द्वारा कन्या पूजन (बेटियों की पूजा) कर किया गया. बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के संबंध में संबंधित समस्त प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से जिले में बेटियों की घटती संख्या की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करते हुये बताया गया कि बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच रखे तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया गया एवं उनसे अपील की गयी कि बेटियों के प्रति समाज की जो सोच है उसमें जागरूकता लाने का हरसंभव प्रयास करें. कन्या भ्रूण हत्या एवं शिशु लिंगानुपात में कमी से समाज पर पड़ने वाले दुष्परिणाम के बारे में जनसामान्य में जागरूकता का सृजन करे.
संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्री डी.के. सिद्वार्थ एवं सदस्य किशोर न्याय बोड के श्री राकेश शिवहरे द्वारा कहा गया कि समाज में पुरूष प्रधान मानसिकता व्याप्त है, जिनका त्याग करना आवश्यक है. बालिकायें किसी मायने में किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है, उन्हें अवसर प्रदान करने की जरूरत है. बेटा-बेटी में भेद न करते हुये बेटियों को भी बराबरी से स्वीकार करें तथा उन्हें उनके सभी अधिकार व सम्मान दें, ताकि घट रहे लिंगानुपात में सुधार हो सके.
महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती उपासना राय, द्वारा बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान एवं सुरक्षा विषय पर उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से बताया गया एवं घरेलू हिंसा, बाल विवाह, पोषण स्तर, उदिता योजना, शाला त्यागी बालिकाओं का अधिक से अधिक शाला में प्रवेश दिलाये जाने हेतु प्रेरित किया गया. उनके द्वारा कहा गया कि घरेलू हिंसा होने पर आंगनवाडी कार्यकर्ता पीडित महिला की मदद करे तथा उसे शासन द्वारा संचालित वन स्टाॅप सेंटर केन्द्र के बारे में जानकारी प्रदान करें. आंगनवाडी कार्यकर्ता आंगनवाडी क्षेत्र अंतर्गत बाल विवाह होने की स्थिति में नाबालिक बालक, बालिका के परिजनों को उचित समझाईश दे कि बाल विवाह अपराध है इसमें कडी सजा का प्रावधान है तथा बाल विवाह की सूचना तत्काल संबंधित क्षेत्र की पर्यवेक्षक, चाईल्ड लाईन, परियोजना अधिकारी को दी जावे, जिससे बाल विवाह को समय रहते रोका जा सके. बालक, बालिकाओं के पोषण स्तर के संबंध में भेदभाव न हो इसके संबंध में आंगनवाडी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के समस्त नागरिकों को जागरूक करने का काम करे.