बोले असम के मुख्यमंत्री सरमा, जल्द गिरफ्तार होंगे राहुल गांधी: भड़काऊ बयान को लेकर कही ये बात…
नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। राहुल पर असम राज्य में कथित तौर पर हिंसा के अनियंत्रित कृत्यों को भड़काने का आरोप है । सरमा ने शिवसागर जिले के नाजीरा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा की एक विशेष जांच दल इस मामले की जांच करेगी और राहुल को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। बिस्वा ने कहा कि हम चुनाव में जीत हासिल करने जा रहे हैं। हम सिर्फ अपने राज्य में शांति चाहते हैं। बता दें की इस साल मई से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावना है।
बिस्वा ने कहा की असम पुलिस ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी और उनके पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ यहां हिंसा भड़काने के आरोप में स्वतः संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है।
छोटे स्तर की राजनीती कर रही कांग्रेस
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल बारपेटा में रात विश्राम के लिए रुके थे और वहां वैष्णव मठ की यात्रा कर सकते थे, लेकिन कांग्रेस ने इनमें से किसी भी जगह का दौरा नहीं किया। वह निम्न स्तर की राजनीति करना चाहती थी। हालांकि, उन्हें याद रखना चाहिए कि इस तरह की रणनीति से वह कभी सफल नहीं होंगे।
लोकसेवकों पर यात्रा के दौरान हमला हुआ
यात्रा को गुवाहाटी में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने पर सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, यात्रा नगांव से बारपेटा कैसे पहुंची? बात बस इतनी है कि उन्हें एक खास सड़क नहीं बल्कि दूसरी सड़क से जाने के लिए कहा गया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों पर हमला किया ।
मीडिया का ध्यान खींचने के लिए हंगामा
असम मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि राहुल गांधी को असम से लगाव नहीं है, बल्कि उन्होंने वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान में प्रवेश करने के लिए हंगामा किया जिससे वो मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच सकें । बिस्वा ने कहा, अगर उनके मन में असम के महापुरुषों के प्रति इतना सम्मान है, तो उन्हें प्रसिद्ध गायक भूपेन हजारिका के स्मारक या गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर और पवित्र मक्का (मुसलमानों के लिए तीर्थस्थल) या मंदिर की यात्रा करनी चाहिए जहां उन्होंने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
बता दें की लोकसभा चुनाव कुछ महीने में होने वाले हैं, और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत प्राथमिकता दर्ज की गई है। इसमें आपराधिक साजिश, गैरकानूनी जमावड़ा, दंगा, हमला, या लोक सेवकों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य से संबंधित धाराएं शामिल हैं।