पदभार ग्रहण करते ही ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देश, प्रदेश में 22 जनवरी को नहीं जानी चाहिए बिजली, मेंटेनेंस कार्य भी नहीं होगा…
भोपाल : ग्वालियर जिले की ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे प्रद्युम्न सिंह तोमर को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है, प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज सोमवार को मंत्रालय पहुंचकर ऊर्जा मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया, इस मौके पर उनके साथ पत्नी और बेटी भी थे । कुर्सी संभालते ही ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 22 जनवरी को प्रदेश में बिजली नहीं जानी चाहिए जिससे प्रदेश के लोग रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बिना परेशानी देख सकें।
पूजा अर्चना कर कुर्सी पर बैठे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर
भाजपा सरकार ने प्रद्युम्न सिंह तोमर को दूसरी बार ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी ही, शिवराज सरकार में प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास ऊर्जा मंत्रालय था और डॉ मोहन सरकार में भी यही मंत्रालय है, प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज पूजा अर्चना कर मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया, उन्होंने भगवान की पूजा के साथ साथ उस टेबल कुर्सी की भी पूजा की जिसपर बैठकर उन्हें प्रदेश की जनता के हित में फैसले लेने हैं।
22 जनवरी को निर्बाध विद्युत आपूर्ति रहे
ऊर्जा मंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सबसे पहले अधिकारियों को आदेश दिया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय मध्य प्रदेश में निर्बाध बिजली रहे , यानि बिजली नहीं जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि इस दिन प्रदेश में कहीं भी बिजली के मेंटेनेंस कार्य भी नहीं किया जाना चाहिए जिससे राम भक्तों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण देखने में कोई परेशानी नहीं हो।
उपभोक्ता संतुष्टि, गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हमारा मुख्य लक्ष्य
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संतुष्टि, गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति और बिजली उत्पादन में वृद्धि करना हमारा मुख्य लक्ष्य है, मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रशासनिक खर्चे कम करके बिजली दरों को नियंत्रित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस के लिये की जाने वाली बिजली कटौती में पानी के सप्लाई के समय का ध्यान रखा जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं से की ये अपील
मंत्री श्री तोमर ने बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि बिजली की बचत करें और समय पर बिजली बिल का भुगतान करें। इससे विद्युत कंपनियों की देनदारी कम होगी, जिससे बिजली की दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऊर्जा मंत्री के पदभार ग्रहण करते समय विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, ओएसडी ऊर्जा विभाग विजय गौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।