अरविंद केजरीवाल ने कहा ‘देश को बचाने के लिए मुझे कुछ हो भी जाए तो ग़म मत करना’, जेल जाने से पहले भावुक अपील…
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ‘यदि देश को बचाने के लिए मुझे कुछ हो जाए तो ग़म मत करना।’ उन्होंने कहा कि वो जेल में थे तो उन्हें कई तरह से प्रताड़ित करने की कोशिश की गई लेकिन वो देश को तानाशाही से बचाने के लिए जेल जा रहे हैं जिसका उन्हें फ़ख़्र है। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस बार उन्हें कितने दिन तक जेल में रखा जाएगा लेकिन उनके हौंसले बुलंद है। बता दें कि 1 जून को उनकी अंतरिम ज़मानत की अवधि पूरी हो जाएगी और दो जून को वो वापस जेल चले जाएँगे।
‘जेल से चलाएँगे सरकार’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘मैं 2 जून को जेल चला जाऊंगा। इस बार पता नहीं ये लोग मुझे कब तक जेल में रखेंगे, लेकिन मेरे हौसले बुलंद हैं। जेल में मुझे आपकी बहुत चिंता होती है। आप लोग अपना ख़्याल रखना। आप खुश रहेंगे तो आपका केजरीवाल खुश रहेगा। मैं भले आपके बीच नहीं रहूँगा लेकिन आपकी फ़्री बिजली, मोहल्ला क्लीनिक, अस्पताल और फ़्री दवा-इलाज नहीं रुकने दूंगा। मैं वापस आकर अपनी माताओं-बहनों को हर महीने 1000 रुपए देने की भी शुरुआत करूंगा।’ याद दिला दें कि केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाकर ये मांग की गई थी उनका स्वास्थ्य बहुत खराब है जिसके कारण डॉक्टर्स ने उन्हें कुछ जरूरी टेस्ट कराने हैं इसलिए उनकी अंतरिम जमानत अवधि को सात दिन और बढ़ा दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने उनकी ज़मानत बढ़ाने की याचिका ख़ारिज कर दी जिसके बाद उन्हें दो जून को वापस तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा।
‘हम मिलकर तानाशाही के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं’
जेल जाने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वो भले जेल के अंदर रहे, लेकिन कोई काम नहीं रुकने देंगे। उन्होंने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने मुझे चुनाव-प्रचार करने के लिए 21 दिन की मौहलत दी थी। परसों मैं वापस तिहाड़ जेल चला जाऊंगा। देश को तानाशाही से बचाने के लिए जेल जा रहा हूं, इस बात का मुझे फक्र है। उन्होंने मुझे कई तरह से तोड़ने, झुकाने और चुप करने की कोशिश की लेकिन ये लोग सफल नहीं हुए। इन्होंने मेरी दवाईयां रोक दीं। जेल में इन्होंने कई दिन मेरे इंसुलिन के इंजेक्शन बंद कर दिए। मैं जेल में 50 दिन था, इन 50 दिनों में मेरा 6 किलो वजन कम हो गया। डॉक्टर कह रहे हैं कि ये शरीर में किसी बड़ी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। मैं चाहें जहां रहूं, दिल्ली के काम नहीं रुकने दूंगा। लौटकर मैं हर मां-बहन को हर महीने हजार रुपये देने की भी शुरूआत करूंगा। आज मैं अपने परिवार के लिए आपसे कुछ मांगना चाहता हूं। मेरे पीछे से मेरे माता-पिता का ख्याल रखना। हम सब मिलकर तानाशाही से लड़ रहे हैं। देश को बचाने के लिए यदि मुझे कुछ हो जाए तो गम मत करना। भगवान ने चाहा तो आपका ये बेटा बहुत जल्द वापस आएगा।’