तबियत बिगड़ने पर एम्बुलेंस बुलाई, रास्ते में हुई मौत, एम्बुलेंस चालक शव को लावारिश छोड़ गया
शास्त्रों में कहा गया है कि सभी रिश्तों से ऊपर मानवता का रिश्ता होता है. अभी जिस तरह से देशभर में कोरोना कि दूसरी लहर चल रही थी. उस दौरान डॉक्टर व् मेडिकल स्टाफ ने इस रिश्ते को पूरी कोशिश से निभाया. लेकिन कुछ घटनाएं मानवता के रिश्ते को शर्मशार कर देती हैं. ऐसी ही घटना घटित हुई रतलाम में. रतलाम में निजी एम्बुलेंस चालक की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. कोरोना मरीज के साथी की इंदौर ले जाते वक्त रास्ते मे मौत हो गयी थी. कायदे से शव को जिला अस्पताल ले जाना था. लेकिन इसके बजाय एम्बुलेंस चालक शव को लावारिस हालात में मृतक के बिल्डिंग के नीचे छोड़ कर चला गया. जिससे बिल्डिंग में हड़कंप मच गई. उसके बाद अन्य लोगों ने पुलिस को सूचना कर शव को जिला अस्पताल भिजवाया.
दरअसल मामला रतलाम के मित्र नीवस कॉलोनी के बिल्डिंग एरोज टावर का है. यहां देर रात एक एक एम्बुलेंस आयी और बिल्डिंग के एक युवक को लेकर चली गयी. लेकिन कुछ घंटे बाद एम्बुलेंस वापस लौटी और चली गयी. लेकिन सुबह पता चला कि बिल्डिंग के नीच बिल्डिंग में ही रहने वाले एक युवक का शव सीढ़ियों के पास रखा है.
दक्षिण भारतीय है मृतक
पुलिस ने आकर शव के संबंध में जांच की तो सामने आया कि मृतक साउथ इंडियन है, जिसका नाम समुंग सुंदरम है, और वह अपने साथी के इसी बिल्डिंग के फ्लैट नम्बर 103 में रहता था. लेकिन मृतक का साथी कोरोना पॉजिटिव होने से मेडिकल कॉलेज में भर्ती था. मृतक ने तबियत बिगड़ने पर देर रात एम्बुलेंस को कॉल किया था. जिसके बाद एम्बुलेंस उसे लेकर इंदौर रवाना हुई थी. लेकिन रास्ते में ही मौत हो जाने पर वापस रतलाम लौट आयी. लेकिन एम्बुलेंस चालक ने शव को जिला अस्पताल ले जाने की जगह, उसे उसी बिल्डिंग के नीच शव को लावारिस हालात में छोड़ दिया.