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आखिर कौन सा रहस्य छुपा है कैलाश पर्वत पर ना चढ़ पाने का?

माउंट एवरेस्‍ट से इसकी ऊंचाई कम होने के बाद भी कोई अब तक इस पर नहीं जा सका है. बड़े-बड़े पर्वातारोही, इस पर चढ़ने से इनकार कर चुके हैं. कई लोग कहते हैं कि इस पहाड़ पर कई सुपरनैचुरल शक्तियां रहती हैं और इस तर्क के आगे वैज्ञानिक भी खामोश रह जाते हैं. इस पर्वत पर चढ़ने के कई प्रयास भी किए गए हैं मगर अभी तक किसी को भी सफलता नहीं मिल सकी. कई लोग कहते हैं कि मौसम की वजह से यहां पर कोई भी पैर नहीं रख पाया है. कई लोग यह दावा करते हैं कि यहां पर नेविगेशन बहुत मुश्किल है क्‍योंकि अक्‍सर यहां दिशाभ्रम हो जाता है. कुछ लोग तो यहां तक कह डालते हैं कि यहां पर स्थित सुपरनैचुरल ताकतें यहां की दिशाओं को मोड़ देती हैं.

हिंदु धार्मिक मान्‍यताओं के मुताबिक कैलाश पर्वत, भगवान शिव का घर है. वह अपने परिवार के साथ यहां पर रहते हैं और यही वजह है कि यह पहाड़ कई लोगों के लिए मोक्ष प्राप्ति की जगह भी है. कई श्रद्धालु यहां पर आते हैं और कई लोगों की मानें तो उन्‍होंने सुपरनैचुरल ताकतों को अनुभव किया है. कुछ यहां तक दावा करते हैं उन्‍हें यहां पर साक्षात शिव के दर्शन हुए हैं. वहीं कुछ लोग कहते हैं कि उन्‍हें नीलकंठ के रूप में भगवान शिव ने दर्शन दिए हैं. रूस के एक पर्वतारोही, सरगे सिस्टियाकोव ने बताया कि, ‘जब मैं कैलाश पर्वत के बिल्कुल पास पहुंच गया तो मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा. मैं उस पर्वत के बिल्कुल सामने था, जिस पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका, लेकिन अचानक मुझे बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और मन में ये ख्याल आने लगा कि मुझे यहां और नहीं रुकना चाहिए. उसके बाद जैसे-जैसे मैं नीचे आते गया, मेरा मन हल्का होता गया.’

अब तक सिर्फ एक व्‍यक्ति गया पहाड़ पर

कई लोग कहते हैं कि कैलाश पर्वत बहुत रेडियोएक्टिव भी है. इसकी ढलान 65 डिग्री से ज्‍यादा है. माउंट एवरेस्‍ट में यह ढलान 40 से 60 डिग्री तक है. इस वजह से भी पर्वतारोही यहां पर चढ़ने से कतराते हैं. कैलाश पर्वत पर चढ़ने की आखिरी कोशिश लगभग 18 साल पहले यानी साल 2001 में की गई थी. उस समय चीन ने स्पेन की एक टीम को कैलाश पर्वत पर चढ़ने की अनुमति दी थी.

वर्तमान समय में कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है, क्योंकि भारत और तिब्बत समेत दुनियाभर के लोगों का मानना है कि यह पर्वत एक पवित्र स्थान है, इसलिए इस पर किसी को भी चढ़ाई नहीं करने देना चाहिए. कहते हैं कि 11वीं सदी में एक बौद्ध भिक्षु योगी मिलारेपा ने अभी तक माउंट कैलाश पर चढ़ाई की है. वह इस पवित्र और रहस्यमयी पर्वत पर जाकर जिंदा वापस लौटने वाले दुनिया के पहले इंसान थे. इसका जिक्र पौराणिक कहानियों में भी मिलता है.