BhopalMadhya Pradesh

बांग्लादेश से देह व्यापार के लिए लाई गई युवती बोली- पुलिस वाले भी करते थे शारीरिक शोषण

इंदौर। इंदौर के महालक्ष्मी नगर के गेस्ट हाउस से छुड़ाई गई चार बांग्लादेशी लड़कियों की आपबीती दिल को दहलाने वाली और मार्मिक है। इनसे पूछताछ में एक नाम लसूड़िया थाने के एक आरक्षक का नाम बताया। उसका कहना था कि वह अकसर शारीरिक शोषण करने और पैसे लेने होटल आता था। इसके बाद अधिकारियों ने जब अन्य युवतियों से पूछताछ की तो क्राइम ब्रांच, एमआईजी, विजय नगर और लसूड़िया थाने के एक दर्जन पुलिसवालों के नाम सामने आए।


अधिकारी अभी इनका खुलासा नहीं कर रहे हैं। मामले की जांच आईजी योगेश देशमुख की निगरानी में की जा रही है। वहीं सेक्स रैकेट से जुड़े 10 में से सात आरोपियों का विजय नगर पुलिस ने दोबारा रिमांड लिया है। इसके अलावा एमआईजी पुलिस ने दो एजेंटों को पकड़ा है। ये बांग्लादेशी लड़कियों के आधार कार्ड फर्जी ढंग से तैयार करते थे।

एक दलाल पुलिस वाले का भाई, बाकी शहर छोड़कर भाग गए
पुलिस को बांग्लादेश से लड़कियां लाने वाले एक दलाल प्रमोद बाबा की तलाश है। इसका भाई पुलिस विभाग में पूर्व क्षेत्र के एक थाने में पदस्थ है। इसके अलावा गुलाब बाग में रहने वाले सरगना सागर जैन, रोहन और बाबू भाई की तलाश में दबिश दी गई तो वे भी नहीं मिले। उनके मोबाइल भी बंद आ रहे। बाबू भाई बांग्लादेश से युवतियों को लाने वाले गिरोह के गुजरात, महाराष्ट्र के बड़े दलालों से जुड़ा है।


रूसी लड़कियों को लाता था सागर
क्राइम ब्रांच के नए व पुराने कई आरक्षकों की सागर से सीधी सेटिंग है। सागर रूसी लड़कियों को शहर में लाने के मामले में आरोपी रह चुका है। इसकी विजय नगर, एमआईजी, लसूड़िया, पलासिया, कनाड़िया व खजराना थाने के कई पुलिस वालों से सांठगांठ है।


टीआई के नाम पर 50 हजार
सूत्रों की मानें तो लड़कियां जिन होटलों में रखी जातीं। उन थानों के बीट इंचार्ज के माध्यम से टीआई से सांठ-गांठ कर उन तक 50 हजार रुपए महीना भेजकर रैकेट संचालित करते थे। इसमें बीट अधिकारी व जवान 15 हजार रखते थे।