पैसे निकालने के इंतजार में बैंक की लाइन में लगा था व्यक्ति, गई जान
सागर में एक व्यक्ति बैंक से रुपए निकालने गया था. वह काफी देर से इन्तजार कर रहा था. इंतजार करते-करते एक खाताधारक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने शव को बैंक के सामने रखकर दिन भर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि पीड़ित कई दिनों से बीमार थे, वह इलाज के लिए बैंक से रुपए निकालने आए थे. लेकिन बैंक की लंबी लाइन और लेटलतीफी के चलते उनकी जान चली गई.
परिजनों के साथ बीमार हालत में बैंक पहुंचे पीड़ित
मामला सागर जिले के देवरी तहसील का बताया गया. जहां मंगलवार को बिजोरा गांव की बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच में धुलतरा गांव के रहने वाले अशोक कोटवार अपने परिजनों के साथ आए थे. परिजनों ने बताया कि वह कई दिनों से बीमार थे, इलाज के लिए रुपए निकालने के लिए ही बैंक आना पड़ा. बैंक पहुंच पीड़ित के परिजनों ने बैंक प्रबंधन से आग्रह किया कि खाताधरक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्हें इलाज के लिए पैसों की आवश्यकता है. उनकी नाजुक हालत को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इलाज कराने के लिए पैसे निकाल दिए जाएं, जिससे कि बिना देरी के उपचार संभव हो सके.
‘बैंक प्रबंधन की लेटलतीफी की वजह से गई जान’
परिजनों ने बैंक प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वे कागजी खानापूर्ति करते हुए हुए रुपए निकालने में घंटों इंतजार करवा रहे थे. पैसों का इंतजार करते खाताधरक ने बैंक के गेट पर ही दम तोड़ दिया. पीड़ित की मौत के बाद परिजन और ग्रामीणों ने कहा कि बैंक की लापरवाही के चलते बुजुर्ग की जान गई है. बैंक प्रबंधन को मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को मृतक के परिजन व ग्रामीण शव लेकर बैंक के सामने पहुंच गए. बिजोरा की ही बैंक ऑफ बड़ोदा ब्रांच के सामने उन्होंने बहुत देर नारेबाजी और बैंक प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की.
बैंक के सामने मामला तूल पकड़ने लगा, मौके पर महाराजपुर थाना प्रभारी मानस द्विवेदी और नायब तहसीलदार रघुनंदन चतुर्वेदी पहुंचे. उन्होंने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया, इस दौरान मृतक के खाते में मौजूद राशि को उनकी मां के खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई. बुधवार देर शाम अधिकारियों के समझाने पर मृतक के परिजन और ग्रामीण माने. उन्होंने देर शाम मृतक के शव का अंतिम संस्कार किया.