Madhya Pradesh

कर्ज में डूबे किसान ने बर्बाद फसल को देख कीटनाशक पीकर जान दी

देवास। मध्यप्रदेश में एक और किसान ने फसल बर्बाद होने पर जान दे दी है। तहसील के ग्राम पिपल्या नानकार के 56 वर्षीय किसान लक्ष्मणसिंह पिता गजराजसिंह चौहान ने रविवार सुबह 9.30 बजे अपने खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या ली।


बड़े बेटे शिवराज ने बताया पिता पिछले कई दिनों से खेत पर नहीं गए थे। रविवार सुबह खेत पर चले गए, जहां बर्बाद फसल को देख वे दुःखी और हताश हो गए। उन्होंने खेत पर रखा कीटनाशक पी लिया। खेत पड़ोसी सुरेंद्रसिंह ने उन्हें बेचैन अवस्था में देखा तो मुझे तुरंत फोन किया। हम उन्हें गाड़ी से खातेगांव अस्पताल लेकर आए। उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया। शिवराज ने बताया लेन-देन का पूरा काम पिता ही देखते थे, इसलिए कुल कर्ज कितना है अभी इसकी जानकारी नहीं है।


पोस्टमार्टम के दौरान रूम के बाहर खड़े रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने बताया लक्ष्मण सिंह के पास करीब 6 एकड़ जमीन है। पिछली फसल भी बर्बाद हो गई थी। सोसायटी और बैंकों के अलावा कुछ और कर्ज उन्होंने ले रखा था। 3 लड़कियां और 2 लड़के हैं। छोटे बेटे देवेंद्र को छोड़कर बाकी सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। देवेंद्र देवास में किसी एनजीओ में काम करता है। बड़ा बेटा शिवराज इंदौर एयरपोर्ट पर किसी एजेंसी के माध्यम से काम करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही अपने गांव आ गया है। अभी खेती संभाल रहा है।


खातेगांव में 28 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 6 सितंबर को पिछले साल का बीमा किसानों के खातों में डालने का ऐलान किया था। बीमा राशि तो किसानों के खातों में नहीं पहुंची, 6 सितंबर को खातेगांव के ही एक कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या कर ली। उधर, किसान द्वारा कीटनाशक पीने की खबर लगते ही किसान संगठनों के पदाधिकारी और कांग्रेस कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री की फसल बीमा राशि खातों में डालने की घोषणा को झूठा बताया है।

आत्महत्या का मामला सीएम से मिलकर संज्ञान में ला दिया है
खातेगांव विधायक आशीष शर्मा का कहना है, कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण बीमा राशि डलने की तारीख आगे बढ़ाई गई है। मैं भोपाल में हूं, मृतक किसान के घर जाकर परिवार से मिलूंगा। किसान की आत्महत्या का मामला मुख्यमंत्री से प्रत्यक्ष मिलकर संज्ञान में ला दिया है। मुख्यमंत्री ने भी किसान की आत्महत्या पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की है। शासन की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी।

रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ होगी
पोस्टमार्टम के बाद जब जांच के लिए पुलिस पिपल्या नानकार पहुंची तब मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। परिवार का माहौल गमगीन था। इसलिए किसी के बयान नहीं लिए गए हैं। मौके (खेत) पर जाकर जांच की गई है। हरदा एफएसएल की टीम ने भी कुछ सैंपल लिए हैं। परिवार के बयान और जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।

  • ऋषिकेश शर्मा, एसआई (जांच अधिकारी)