कालसर्प दोष के निवारण के लिये करने होंगे ये काम
मुरैना: कालसर्प दोष के निवारण एवं अकाल मौत के दोष के निराकरण के लिए महामृत्युंजयी जाप कराना पड़ता है. कालसर्प दोष तब लगता है, जब जाने-अनजाने में किसी इंसान से सर्प, मेढ़क, चूहा, बिल्ली, कबूतर, मुर्गा आदि पशुओं की मौत हो जाए. चाहे गाड़ी के नीचे आकर यह जानवर मर जाएं तब भी कालसर्प दोष लगता है और इससे मुक्ति के लिए महामृत्युंजय जाप जरूरी है. जैन मुनिश्री विनम्र सागर ने यह बातें बड़े जैन मंदिर में आयोजित महामृत्यंजी पार्श्वनाथ कल्याण मंदिर विधान के आयोजन में रविवार को कही.
रविवार को हुए महामृत्यंजी पार्श्वनाथ कल्याण मंदिर विधान में अंचल के अलावा राजस्थान व उत्तर प्रदेश तक से जैन अनुयायी आए. इस आयोजन में 51 माण्डनों पर कालसर्प दोष निवारण के लिए पूजा-हवन हुए. इस दौरान मुनिश्री विनम्र सागर ने कालसर्प दोष के लगने और उसके बाद होने वाली परेशानियों को बताते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कालसर्प दोष लग जाए तो उसे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. किसी छात्र पर कालसर्प दोष लग जाए तो वह अच्छी पढ़ाई करने के बाद भी अच्छे अंक नहीं ला पाता है. जो काम करते हैं उनमें पर्याप्त सफलता नहीं मिलती, या फिर बना हुआ काम भी बिगड़ जाता है. कालसर्प दोष जिसे लगता है उसके साथ दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है. कालसर्प के कारण अकाल से ही मृत्यु प्राप्त होती है. मुनिश्री ने कालसर्प के निवारण को बताते हुए कहा, कि अपने इष्ट प्रभू का जाप करें. विधि-विधान से पूजा करें, वृत का पालन करें. उन्होंने बताया कि ध्यान से कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है. मुनिश्री ने कहा कि जीवनदान देने से शुभ योग बनता है. इसीलिए कभी किसी भी जीव को जाने-अनजाने में मत मारो. कालसर्प योग टल जाता है, अगर किसी जीव की मौत का कारण नहीं बनोगे तो. रविवार को हुए राजेन्द्र भंडारी, पंकज जैन, महेन्द्र कुमार शास्त्री, पवन कुमार शास्त्री आदि मौजूद थे.