ढाई साल बाद सिंधिया और केपी यादव का हुआ सामना
भोपाल। राजनीति में कौन सगा हो जाए और कौन दुश्मन यह कोई नहीं जानता। ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश की राजनीति में देखने को मिला है। कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नाता तोड़कर उन्हीं को उनके घर में 1.25 लाख वोटों से हराने वाले केपी यादव एकबार फिर से महाराज का गुणगान करने लगे हैं। वहीं ज्योतिरादित्य भी उनसे बेहतर तालमेल की बात कह रहे हैं। जबकि भाजपा में आने से पहले सिंधिया को यह फूटी आंख नहीं अच्छे लगते थे।
मंगलवार को भाजपा की वर्चुअल रैली राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद केपी यादव, स्थानीय प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी और अन्य नेता शामिल हुए। सभी ने जजपाल सिंह जज्जी को जिताने के लिए कार्यकर्ताओं से एड़ी चोटी का जोर लगाने की अपील की।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में हुए मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट न मिलने के बाद डॉ. केपी यादव ने सिंधिया का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। तब से दोनों आमने-सामने नहीं आए थे।
इस अवसर पर सिंधिया ने कहा, केपी भी मुस्कुरा रहे हैं। इनको बहुत अच्छा अनुभव है, मेरे साथ काम करने का। हम पहले भी एक थे और आज भी हैं। बीच में भले कुछ हुआ हो। साथ में लड़ेंगे और हर संकट का सामना करेंगे।
वही केपी यादव ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि महाराज के साथ दोबारा काम करने का अवसर मिला है। उनके साथ क्षेत्र के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा। भाजपा सभी 24 सीटें जीतेगी।