मुख्यमंत्री शिवराज और सिंधिया के मुलाकात के खोजे जा रहे हैं राजनीतिक मायने
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडलों में नियुक्ति की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के सियासी मायने खोजे जा रहे हैं। सिंधिया ने मंत्रिमंडल के विस्तार को मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बताया है। राज्यसभा सदस्य सिंधिया सोमवार को भोपाल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा विधायक कृष्णा गौर सहित अन्य नेताओं के आवास पर पहुंचकर सौजन्य मुलाकात की। इसके साथ ही सिंधिया ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा की। इसे सौजन्य मुलाकात बताया जा रहा है।
वहीं मंत्रिमंडल विस्तार व निगम-मंडल की नियुक्ति के सवाल पर सिंधिया का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।
सिंधिया का कहना है कि प्रदेश का विकास उनका लक्ष्य है और इसी पर मुख्यमंत्री से चर्चा हुई। सिंधिया और शिवराज भोपाल से ओरछा गए और एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने के बाद दिल्ली प्रस्थान कर गए।
भले ही सिंधिया ने इस मुलाकात को विकास से जोड़ा हो, मगर इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उप-चुनाव जीतने वाले विधायक गोविंद राजपूत व तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इन दोनों को बिना विधायक रहते हुए छह माह की अवधि पूरा होने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, इसलिए संभावना है कि दोनों विधायकों को बतौर मंत्री जल्दी शपथ दिलाई जा सकती है। वहीं विधानसभा का चुनाव हारने वाले एंदल सिंह कंसाना, इमरती देवी और गिर्राज दंडौतिया को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।