मप्र के आंगनवाड़़ी केंद्रों में गाय का दूध मिलेगा, गौ अधिनियम बनेगा : शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा नहीं, गाय का दूध दिया जाएगा। साथ ही गौ संरक्षण के लिए गौ अधिनियम बनाया जाएगा। यह ऐलान रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर-मालवा जिले के सालरिया गौ-अभयारण्य में गोपाष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गौ-वंश संरक्षण के लिए गौ-अधिनियम बनाया जाएगा। आंगनवाड़ियों में बच्चों को अंडे की जगह गाय का दूध दिया जाएगा। गाय के दूध, गोबर एवं गौ-मूत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाकर उन्हें देश-विदेश में लोकप्रिय किया जाएगा।
गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए जनपदवार नोडल अधिकारी नामांकित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गायों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए गौ-केबिनेट गठित की गई है जो कि देश-विदेश में गौ-प्रबंधन का अध्ययन कर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ गौ-प्रबंधन लागू करेगी, जिससे यहां गायों की अच्छी से अच्छी देखभाल हो तथा गौ-उत्पादों का व्यापक स्तर पर उत्पादन एवं विक्रय हो सके।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गौ-वंश को अधिक से अधिक चारा उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग आदि की खाली पड़ी भूमि पर चारागाह विकसित किए जाएंगे। इसके लिए पृथक नीति भी बनाई जाएगी। गोशालाओं के निर्माण के लिए शासकीय भूमि के आवंटन के नियम बनाए जाएंगे। गौ-वंश के उपचार के लिए प्रदेश में गौवंश संजीवनी योजना फिर से शुरू की जाएगी। पूर्ववर्तीय सरकार ने गौ-सदन बंद कर दिए थे, वे फिर से प्रारंभ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में गौ-वंश के प्रबंधन के लिए राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग किया जाएगा। गौशालाओं में बिजली, पानी की व्यवस्था के लिए पंच-परमेश्वर की राशि इस्तेमाल की जा सकेगी। गौशालाओं के प्रबंधन के लिए जनपदवार नोडल अधिकारी नामांकित किए जा रहे हैं, जो गौशालाओं के समुचित प्रबंधन के लिए जिम्मेवार रहेंगे।