BhopalMadhya Pradesh

गाय पर सियासत : कमलनाथ ने शिवराज की बढ़ा दी थी चिंता

भोपाल। मध्यप्रदेश में गाय पर फिर सियासत शुरू हो गई। यहां चिंता गाय के पालन पोषण की नहीं, बल्कि उन करोड़ों हिंदुओं की आस्था की है, जो दोनों पार्टियों का बड़ा वोट बैंक हैं। बुधवार सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अचानक सोशल मीडिया पर सूचना दी कि गौ-कैबिनेट बनेगी। इसने सभी को चौंका दिया। यहां तक कि पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल को भी इसकी भनक नहीं लगी, जबकि वे इस कैबिनेट के सदस्य भी हैं। 

कांग्रेस एक हजार गौशाला का फॉर्मूला लाई थी


छह साल से गाय को लेकर प्रदेश की सियासत में लगातार नए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार कोई ठोस फैसला नहीं कर पाई। इसी बीच 15 महीने सत्ता में रही कांग्रेस एक हजार गौशाला का फॉर्मूला लेकर आई। यह मुद्दा उपचुनाव में भी जमकर उठाया।


सत्ता में फिर मजबूत होते ही शिवराज ने गौ-कैबिनेट बनाकर कमलनाथ के ‘गौशाला मिशन’ की पुरानी सुर्खियों को पूरी तरह दबा देने की कोशिश की है। शिवराज ने 2018 में खजुराहो में जैन मुनि विद्यासागर महाराज के चातुर्मास के दौरान घोषणा कर दी थी कि फिर से सरकार में आने पर गौ मंत्रालय बनाएंगे।

उपचुनाव में कांग्रेस ने गौधन न्याय योजना का वादा किया था
उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में गौधन न्याय योजना लागू करने की घोषणा की थी। इसके तहत पशुपालकों से गोबर खरीद कर खाद बनाने की बात कही गई थी, लेकिन उपचुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में आ गए। गायों के मुद्दे को कहीं कांग्रेस स्थायी तौर पर हासिल नहीं कर ले, यही सोचकर शिवराज ने गौ-कैबिनेट का ऐलान कर दिया। कैबिनेट की पहली बैठक 22 नवंबर को आगर मालवा में करने का फैसला भी लिया।

जिसे कमलनाथ निजी हाथों में सौंपना चाहते थे, उसी जगह पहली कैबिनेट बैठक
गौ-कैबिनेट की पहली बैठक एशिया के सबसे बड़े गौ-अभ्यारण्य आगर मालवा में हो रही है। यह सुसनेर तहसील के सालरिया गांव में करीब 1100 एकड़ में फैला है। शिवराज ने इस अभ्यारण को बनाने का फैसला दूसरे कार्यकाल के आखिर में लिया था। 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले इसका भूमिपूजन किया गया था।
अभ्यारण्य 2017 में बना। यहां 10 हजार गायों को रखने की क्षमता है। अभी यहां करीब 5 हजार गायों को रखा गया है, लेकिन फंड की कमी है। यही वजह है कि कमलनाथ सरकार ने जनवरी 2019 में इसे निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया था, लेकिन मार्च में सरकार गिर गई। अब मुख्यमंत्री ने गौ-कैबिनेट की पहली बैठक आगर मालवा में करने का ऐलान किया है।


गाय की खुराक का बजट 20 से घटाकर 1.60 रुपए कर दिया
मध्यप्रदेश की सियासत में हर बार गाय को मुद्दा बनाया जाता है। गाय और गौशाला को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। इस समय राज्य में तकरीबन 1300 गौशालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है। बताया जाता है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए दिए थे।


पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए था, जबकि 2020-21 में यह सिर्फ 11 करोड़ रुपए हो गया। यानी लगभग 90 फीसदी की कटौती कर दी गई। प्रति गाय सरकारी खुराक 20 रुपए से घटकर 1 रुपए 60 पैसे हो गई।