लोकतंत्र पर्व : करैरा में 73.68%, पोहरी में 76.02% वोटिंग
शिवपुरी। जिले की करैरा और पोहरी विधानसभा सीट पर उप चुनाव में मतदाताओं ने रिकार्ड मतदान करके इतिहास रच दिया है। कोरोना संक्रमण काल के बावजूद मतदाता घरों से निकले और बिना संक्रमण के भय के मतदान कर कोरोना को हराकर लोकतंत्र को जिताने का काम किया है। करैरा में 73.68% और पोहरी में 76.02% मतदान हुआ है, जो अंचल की 13 सीटों में सबसे ज्यादा है।
करैरा और पोहरी विधानसभा सीट पर रिकार्ड मतदान के पीछे पहली बार वोटिंग के लिए एक घंटा अतिरिक्त बढ़ाना रहा। शाम 5 से 6 बजे के वोटिंग प्रतिशत पर गौर करें तो एक घंटे में करैरा में 1.57% और पोहरी में 3.46% मतदान हुआ है। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान हुआ। इस बीच करैरा और पोहरी दोनों ही सीटों के एक-एक मतदान केंद्र पर भाजपा व कांग्रेस पोलिंग ऐजेंटों के बीच मामूली झड़प के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया है। जिले में पोहरी के बूढ़दा गांव में दोनो पाेलिंग बूथों पर 1511 में से एक भी मतदाता वोट डालने नहीं गया। अपर ककैटो बांध का पानी गांव में भर जाने से ग्रामीण आठ साल से परेशान हैं। समाधान नहीं निकलने पर पूरे गांव में मतदान का बहिष्कार किया है। गांव वाले आगे आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में नजर आ रहे हैं।
आरोप : कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला बोले-प्रशासन एकतरफा बीजेपी के लिए काम कर रहा है
पोहरी सीट पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला ने प्रशासन पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सांपरारा मतदान केंद्र पर हाथ का बटन दवाते थे तो फूल का निकलता था। हमने वहां की मशीन को चैंज करवाई है। वहीं जाखनाैद पोलिंग पर बीएलओ रमेश यादव अंदर घुसकर पोलिंग करवा रहा था, जिसे हमने बाहर करवाया। धांधली तो है, प्रशासन एकतरफा बीजेपी के लिए काम कर रहा है। भाजपा प्रत्याशी सुरेश धाकड़ के बयान को लेकर शुक्ला ने कहा कि शायद राठखेड़ा तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
जुझाई में शाम 6 बजे बांटी गईं 112 पर्ची, शाम 7 बजे तक चलता रहा मतदान
पोहरी विधानसभा के ग्राम जुझाई में 1009 मतदाता थे और यहां शाम 6 बजे तक लंबी लाइन थी। इनको 112 पर्ची वोट करने के लिए शाम 6 बजे दी गई और रात 7.20 मिनट तक वहां मतदान जारी था। रिटर्निंग अधिकारी जेपी गुप्ता ने बताया कि इस मतदान केंद्र पर बेबकास्टिंग की भी सुविधा थी। उन्होने कहा कि मतदान केंद्र में जितने भी लोग आ गए उनका मतदान कराना हमारी जिम्मेदारी थी।