रैलियों पर रोक हटी; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पार्टियां कोरोना प्रोटोकॉल मानतीं तो हाईकोर्ट दखल क्यों देता
रैलियों पर रोक हटी; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पार्टियां कोरोना प्रोटोकॉल मानतीं तो हाईकोर्ट दखल क्यों देता
नईदिल्ली/भोपाल। उपचुनाव से 8 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच द्वारा 21 अक्टूबर को दिए गए उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें हाईकोर्ट ने चुनावी रैलियों में जुट रही भीड़ और टूटते कोरोना प्रोटोकॉल को गंभीरता से लेते हुए राजनीतिक दलों को फिजिकल चुनावी रैलियां, सभाएं करने पर रोक लगा दी थी।
साथ ही कहा था कि इन कार्यक्रमों के लिए आयोजनकर्ता कलेक्टर से लिखित अनुमति लें। कलेक्टर को भी इसके लिए आयोग से अनुमति लेनी होगी। नेता वर्चुअल रैली करें। जस्टिस एएस खानविलकर की बेंच ने चुनाव आयोग, भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्ना लाल गोयल की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया।
वहीं कोरोना के मद्देनजर अब जरूरी कदम उठाने का फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद अब 9 जिलों अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर व विदिशा में नेता फिर से चुनावी रैली कर सकेंगे।
आदेश पर रोक के मायने
नेताओं, दलों को रैली, सभाएं करने के लिए कलेक्टर की अनुमति नहीं लेनी होगी। प्रशासन को सूचना ही देनी होगी।
शासनिक व्यवस्था संभालता रहेगा, कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
सभाओं में मास्क-सैनिटाइजर की व्यवस्था प्रत्याशी को ही करनी होगी, प्रोटोकॉल का पालन आयोग कराएगा।