भाजपा को मिल सकता है एक और झटका
भोपाल: हाल ही में भाजपा को कई झटका देने के बाद अब कांग्रेस के रणनीतिकार एक बार फिर भाजपा को बड़ा झटका देने की तैयारी में लग गए हैं. कांग्रेस उपचुनाव में इस योजना के तहत कांटा से कांटा निकालने की योजना पर काम कर रही है. इस बहाने कांग्रेस भाजपा द्वारा 25 विधायकों को तोडक़र सरकार गिराने का बदला भी लेना चाहती है. यही वजह है कि सरकार गिरने के बाद से ही कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्ठ नेताओं पर लगी हुई है. कांग्रेस पूर्व विधायक पारुल साहू के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी और पूर्व अपैक्स बैंक अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत पर लगी हुई है. इसके लिए कांग्रेस के कर्ताधर्ता लगातार इन दोनों नेताओं से संम्पर्क में बताए जा रहे हैं. दरअसल हर हाल में कांग्रेस श्रीमंत के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेताओं की मजबूत घेराबंदी करने के लिए उनके क्षेत्रों में मजबूत पकड़ वाले नेताओं को उतारना चाहती है. यही वजह है कि सांवरे विधानसभा सीट पर मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है, जबकि सुरखी में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सामने पार्टी पूर्व विधायक पारुल साहू को प्रत्याशी बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी है.
इसी तरह से श्रीमंत के तीसरे सबसे करीबी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया को चक्रव्यूह में उलझाने के लिए भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया गया है. बात यहीं समाप्त नहीं होती है, बल्कि श्रीमंत विश्वस्त महिला मंत्री इमरती देवी के सामने कांग्रेस ने उनके समधी सुरेश राजे को उतारकर बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. इसी योजना के तहत कांग्रेस भाजपाई बन चुके श्रीमंत समर्थक नेताओं के सामने ताकतवर उम्मीदवारों को उतारने की मंशा के तहत ही बदनावर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत पर पूरी नजर लगाए है. दरअसल मालावा की राजनीति में शेखावत को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय का विरोधी माना जाता है. इस सीट पर अब तक कांग्रेस को कोई दमदार प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है. यहां से भाजपा के उम्मीदवार के रुप में श्रीमंत समर्थक मंत्री राजवर्धन ङ्क्षसह दत्तीगांव को चुनावी मैदान में उतरना है. वैसे तो कांग्रेस के पास बालमुकुंद गौतम के पुत्र मनोज गौतम और कुलदीप बुंदेला जैसे नाम हैं, लेकिन वे राजवर्धन सिंह के सामने कमजोर माने जाते हैं.