BhopalBy-electionMadhya PradeshPolitics

भयावक सच: शिवराज सरकार में हुई हर दिन 2-3 किसानों ने की आत्महत्या

शिवराज सिंह भले ही किसानों को लेकर कितने ही बड़े-बड़े दावें करें, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि जब से वह मुख्यमंत्री बने हैं प्रदेश में 3 से 4 किसान  प्रतिदिन आत्महत्या  कर रहे हैं. 2004 से लेकर 2016 तक प्रदेश में 15 हजार से भी ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की हैं. यह आंकड़ा खुद उन्हीं की सरकार ने दिया है. और ये आकड़े कम नहीं हो रहें हैं.

कमलनाथ सरकार जब मध्य प्रदेश में आयी तो उनकी सरकार ने किसानों का दर्द समझा और किसानों का कर्ज़ माफ़ किया इसके साथ साथ उन्हें मुआवजा भी दिया. किसानों के लिये कमलनाथ सरकार मानों भगवान बन के आये लेकिन भाजपा को ये बात पच नहीं रही थी और कमलनाथ सरकार को गिरा दिया सच मायनों में कमलनाथ सरकार ने “जय जवान, जय किसान” की बात को सच कर दिखाया था.

दरअसल विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से एक लिखित सवाल पूछा था कि 2004 से लेकर 2016 तक प्रदेश में कितने किसानों ने आत्महत्या की है? गृहमंत्री ने नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर विधानसभा में यह बताया कि मध्यप्रदेश में इस अवधि में 15 हजार 129 किसानों ने आत्महत्या की हैं. इन आंकड़ों में 2016 के पूरे आंकड़े नही हैं. 2017 में हुई मौतों का भी कोई उल्लेख उत्तर में नही किया गया है.

आकड़ों की संख्या

मंत्री द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 2004 में 1638, 2005 में 1248, 2006 में 1375, 2007 में 1263, 2008 में 1379, 2009 में 1395, 2010 में 1237, 2011 में 1326, 2012 में 1172, 2013 में 1090 2014 में 826, 2015 में 581 और 2016 में 599 किसानों ने आत्महत्या की है. 2016 और 2017 के आकड़े पूरे नही है.